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इजरायल ने गाजा के 23 लाख फिलिस्तीनियों को बाहर निकालने की कोशिश की, तब इसे जार्डन के खिलाफ युद्ध की घोषणा माना जाएगा: जार्डन

अम्मान। जॉर्डन ने कहा हैं कि अगर इजरायल ने गाजा के 23 लाख फिलिस्तीनियों को जबरन बाहर निकालने की कोशिश की, तब इस फैसले को युद्ध की घोषणा माना जाएगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विवादास्पद गाजा पुनर्निर्माण प्रस्ताव के तहत फिलिस्तीनियों को मिस्र और जॉर्डन भेजने की बात हुई है, जिससे अरब देश भड़क गए हैं।

जॉर्डन के विदेश मंत्री अयमान सफादी ने चेतावनी देकर कहा कि अगर गाजा के फिलिस्तीनियों को जबरन हमारे देश में भेजने की कोशिश की गई, तब यह हमारे लिए युद्ध की घोषणा होगी और हम पूरी ताकत से जवाब देने को तैयार है। रिपोर्ट के अनुसार, जॉर्डन अपनी सीमाएं सील कर सकता है और विस्थापन की किसी भी प्रक्रिया को रोकने के लिए सैन्य कदम उठा सकता है। सफादी का यह बयान तब समय आया है जब गाजा पट्टी में जारी युद्ध ने 47,000 से अधिक लोगों की जान ले ली है और लाखों फिलिस्तीनियों को बेघर किया है।

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रिपोर्ट के अनुसार, जॉर्डन सीधे सैन्य टकराव से बचना चाहता है, लेकिन यदि इजरायल जबरन विस्थापन करता है, तब यह जॉर्डन के लिए रेड लाइन होगी।

जॉर्डन की चिंताओं के पीछे कारण हैं:

वर्तमान में जॉर्डन में 22 लाख से अधिक फिलिस्तीनी शरणार्थी हैं। नए विस्थापन से जॉर्डन की सामाजिक और राजनीतिक स्थिरता खतरे में पड़ सकती है। हाशमाइट राजशाही को भी अस्थिर करने की साजिश के रूप में देखा जा सकता है। इसके बाद मिस्र और जॉर्डन दोनों ने ट्रंप के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला से मुलाकात कर दो-राज्य समाधान पर जोर दिया।

अरब लीग और संयुक्त राष्ट्र ने भी गाजा से जबरन विस्थापन को जातीय सफाया करार दिया।

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