भाजपा को छोड़ सबने कहा मुख्तार अंसारी की मौत सामान्य नहीं है

मुख्तार अंसारी की मौत कैसे हुई : उत्तर प्रदेश की राजनीति में दबंग नामों में शुमार मुख्तार अंसारी अब इस दुनिया में नहीं हैं। शासन प्रशासन का कहना है कि मौत हार्ट अटैक से हुई है। मुख्तार अंसारी ने अपनी मौत के कुछ पहले ही कोर्ट में आवेदन दिया था कि उनकी हत्या हो सकती है, उन्हें धीमा जहर दिया जा सकता है। उनके जाने के बाद परिजन और विपक्ष भी हत्या तक के गंभीर के आरोप लगा रहे हैं।
समाजवादी पार्टी समेत कई राजनीतिक दलों ने इसको लेकर सरकार पर हमला बोल दिया है। कोई इसे धीमा जहर देकर की गई हत्या बता रहा है। कोई इसे संस्थागत हत्या कर रहा है। किसी की नजर में यह इलाज में जानबूझ कर की गई, लापरवाही है।
मुख्तार अंसारी के परिवार के आरोप को न भी गिना जाए तब भी प्रतिष्ठित राजनेताओं ने उनकी मौत को लेकर सरकार पर गंभीर सवाल उठाए हैं। समाजवादी पार्टी के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने यूपी सरकार पर इस मामले में गंभीर सवाल उठाए हैं। तो कांग्रेस नेता पप्पू यादव ने इसे संस्थागत हत्या कहा दिया है। वहीं प्रोफेसर रामगोपाल ने यहां तक कह दिया है कि आज जेल में किसी की भी हत्या हो सकती है। भीम आर्मी के चीफ ने चंद्रशेखर आजाद ने सीबीआई जांच की मांग की है। सपा, राजद, कांग्रेस सहित सब इस मामले में एक राय हैं कि मुख्तार अंसारी की मौत की परिस्थितियां संदेह पैदा कर रही हैं। इस पूरे घटना क्रम में कुछ तो ऐसा हुआ था, जो सामान्य नहीं है।
बता दें कि पूर्व विधायक और दबंग नेता मुख्तार अंसारी को गुरुवार को तबीयत बिगड़ने के बाद जिला जेल से रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई। उनकी मौत के बाद गाजीपुर मोहम्मदाबाद में सन्नाटा पसरा हुआ है। पूरे प्रदेश में धारा 144 लागू है। जिसके चलते आज गाजीपुर में सारी दुकानें बंद कर दी गई और पुलिस अलर्ट मोड पर है और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

आईए जानते हैं किसने क्या कहा…
जेल में किसी की भी हत्या हो सकती हैः प्रोफेसर राम गोपाल
सपा के वरिष्ठ नेता प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने कहा कि मुख्तार अंसारी ने कोर्ट में पेशी के दौरान लिखित रूप से कहा था कि तबियत बिगड़ने पर उनके बेटे को बांदा जेल और अस्पताल में मिलने नहीं दिया गया। क्रिटिकल स्थिति में होने के बाद भी बेटे को मिलने नहीं दिया गया। ऐसे में संदेह पैदा होता है। रामगोपाल ने कहा कि अजीब सी स्थिति हो गई है, लोग जेल जाने से डरने लगे हैं। जेल में किसी भी विरोधी को मारा जा सकता है। सामान्य मौत पर जनता में कभी आक्रोश नहीं होता है, लेकिन मुख्तार की मौत के बाद पूरे प्रदेश में धारा १४४ लागू कर दी गई है। सड़कों पर पुलिस, सीआरपी और पीएसी का फ्लैग मार्च हो रहा है।
सरकार प्रायोजित हत्या मंजूर नहीं… जावेद
समाजवादी पार्टी के सांसद जावेद अली खान ने सरकार पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट कर के सरकार पर सवाल उठाए हैं. सोशल मीडिया पर उन्होंने लिखा- ‘अदालत द्वारा सजा ए मौत भी मंज़ूर सरकार प्रायोजित हत्या क़ुबूल नहीं मुख़्तार अंसारी को श्रद्धांजलि.’
मौत और हत्या का फर्क मिट गयाः मनोज झा
उत्तर प्रदेश के बाहुबली माफिया मुख्तार अंसारी की मौत पर राजद सांसद मनोज कुमार झा ने सरकार पर सवाल उठाए है। मनोज कुमार झा ने कहा, ‘उत्तर प्रदेश एक अलग तरह का प्रदेश बन गया है। मौत और हत्या का फर्क मिट गया है… मौत और हत्या का फर्क जब मिट जाए तो अराजकता होती है।’
मुख्तार की मौत संदिग्ध- शिवपाल यादव
समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर कहा, ‘हमारे उनके परिवार के साथ अच्छे संबंध थे. उनकी मौत संदिग्ध है. इसलिए कोर्ट को इस पर स्वतः संज्ञान लेना चाहिए. अगर किसी जेल में मौत होती है, तो इसकी जिम्मेदारी जेल प्रशासन से लेकर राज्य सरकार तक की होती है.’
अंसारी जी की सांस्थानिक हत्याः पप्पू यादव
वहीं अभी हाल ही में अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय करने वाले पप्पू यादव ने भी ट्वीटर पर पोस्ट कर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है. उन्होंने लिखा कि, ‘पूर्व विधायक मुख़्तार अंसारी जी की सांस्थानिक हत्या. क़ानून, संविधान, नैसर्गिक न्याय को दफन कर देने जैसा है.
कांग्रेस ने की जांच की मांग
कांग्रेस ने मुख्तार अंसारी की मौत पर प्रतिक्रिया देते हुए इसकी जांच की मांग की है. कांग्रेस प्रवक्ता, सुरेंद्र राजपूत ने कहा कि, जिस तरीके से मुख्तार अंसारी ने कुछ दिन पहले हत्या की आशंका जताई थी कि उन्हें धीमा जहर दिया जा रहा है और अब उनकी मौत हो गई, तो उनकी यह बात पुष्ट होती हुई दिखाई दे रही है. प्रशासन निर्लज तरीके से कह रहा है कि हार्ट अटैक से मौत हुई है. शासन और प्रशासन यह बात मानने को तैयार नहीं है कि उनसे गंभीर चूकें हो रही हैं.
सीबीआई जांच की मांग
भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने सोशल मीडिया पर पोस्ट में लिखा कि, ‘पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी जी का असामायिक निधन बेहद दुखद, मैं विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और समर्थकों के प्रति हैं, प्रकृति उन्हें यह असीम दुख सहने की शक्ति प्रदान करें. पूर्व में ही उन्होंने अपनी हत्या की आशंका व्यक्त की थी, मैं माननीय उच्च न्यायालय उत्तर प्रदेश से उनकी मृत्यु की सीबीआई जांच की मांग करता हूं.’
क्या बोले पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत कहा, हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है. सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या कैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा. थाने में बंद रहने के दौरान, जेल के अंदर आपसी झगड़े में, जेल के अंदर बीमार होने पर, न्यायालय ले जाते समय, अस्पताल ले जाते समय, अस्पताल में इलाज के दौरान, झूठी मुठभेड़ दिखाकर, झूठी आत्महत्या दिखाकर, किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर. अखिलेश ने आगे कहा कि ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश की निगरानी में जांच होनी चाहिए. सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह गैर कानूनी हैं. जो हुकूमत जिंदगी की हिफाजत न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक नहीं. उत्तर प्रदेश सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है. ये यूपी में कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है.
यह भी पढ़ेः