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लोकसभा चुनाव 2024National

भाजपा के खिलाफ मैदान में आये महास्वामी

कर्नाटक की राजनीति में लिंगायत समुदाय का वोट अहम रहा है। किसी भी चुनाव में इस समुदाय की भूमिका निर्णायक रही है और माना जाता है कि इनका समर्थन भाजपा को ही मिलता रहा है। लेकिन इस बार लोकसभा चुनाव में तस्वीर बदलती दिख रही है।

कर्नाटक में इस लोकसभा चुनाव 2024 में लिंगायत समुदाय ने बीजेपी की टेंशन बढ़ा दी है। अब तक के चुनाव में इस समुदाय की भूमिका निर्णायक रही है इनका समर्थन भाजपा को ही मिलता रहा है, लेकिन इस बार 2024 के लोकसभा चुनाव में तस्वीर बदली नजर आ रही है।

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मोदी सरकार के मंत्री प्रल्हाद जोशी के खिलाफ लिंगायत समुदाय के बड़े संत जगद्गुरु फकीरा दिंगलेश्वर महास्वामी ने चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। इससे भाजपा को चुनौती का सामना करना पड़ सकता है और इसका लिंगायत बहुल सीटों पर पड़ सकता है।

मोदी सरकार के मंत्री प्रल्हाद जोशी के खिलाफ लिंगायत समुदाय के बड़े संत जगद्गुरु फकीरा दिंगलेश्वर महास्वामी ने चुनाव लड़ने का ऐलान किया। इसे भाजपा के लिए एक चुनौती के तौर पर देखा जा रहा है और इसका असर कुछ लिंगायत बहुल सीटों पर पड़ सकता है।

विकल्प देने के लिए मैदान में …

महास्वामी ने कहा कि क्षेत्र में पारंपरिक राजनीतिक दलों के प्रभुत्व को चुनौती देकर मतदाताओं को एक विकल्प देना है। महास्वामी का यह निर्णय प्रदेश की सियासत में अहम है। कांग्रेस एवं भाजपा की राजनीति से इतर एक वैकल्पिक मंच तैयार करने का प्रयास किया जा रहा है। महास्वामी ने कहा कि भाजपा-कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए इस क्षेत्र से अपने प्रत्याशी उतारे हैं। उन्होंने पार्टी की टिकट वितरण नीतियों पर असंतोष व्यक्त करते हुए कर्नाटक में भाजपा की मौजूदगी को आकार देने में लिंगायत समुदाय की महत्वपूर्ण भूमिका की ओर इशारा किया।

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उन्होंने कहा कि लिंगायत समुदाय ने कर्नाटक में भाजपा का निर्माण और विकास किया है। टिकट वितरण में भाजपा में कोई सामाजिक न्याय नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले लोकसभा चुनावों में कर्नाटक से नौ वीरशैव लिंगायत समुदाय के नेता चुनकर संसद में पहुंचे थे, लेकिन उनमें से किसी को भी मंत्री नहीं बनाया गया। कांग्रेस पार्टी में भी लिंगायत समुदाय को कोई मान्यता नहीं है।

केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी की आलोचना करते हुए महास्वामी ने राजनीतिक हस्तियों की ओर से लिंगायत समुदाय की जरूरतों पर उपेक्षा या अपर्याप्त ध्यान देने के संबंध में चिंताओं पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद समुदाय को कुचल रहे हैं। धारवाड़ लोकसभा क्षेत्र में उनका योगदान अभी भी संदिग्ध है। बता दें कि धारवाड़ में तीसरे चरण में 7 मई को लोकसभा का चुनाव होना है। भाजपा के लिए यह स्थिति असहज करने वाली है क्योंकि प्रल्हाद जोशी धारवाड़ से 4 बार के सांसद हैं।

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