DuniaIndian MuslimNational

बांग्लादेश के बहाने देश में हिन्दू मुस्लिम नफरत फ़ैलाने में जुटे कटटरवादी

पड़ोसी देश बांग्लादेश इस समय गंभीर राजनीतिक संकट से गुजर रहा है। आरक्षण के खिलाफ छात्रों का आंदोलन समय के साथ जन आंदोलन में बदल गया और इसका नतीजा यह हुआ कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश छोड़कर भागना पड़ा। इस समय पडोसी देश गंभीर हिंसा और संकट से जूझ रहा है।

लेकिन देश की अतिवादी हिंदू और दक्षिणपंथी समर्थक पार्टियां इस राजनीतिक संकट के बहाने देश के मुसलमानों के खिलाफ नफरत फैलाने और हिंदू बहुसंख्यकों को भड़काने में पीछे नहीं हैं। इसलिए इस संकट की आड़ में बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों पर हमले की फर्जी खबरें सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही हैं और दावा किया जा रहा है कि बांग्लादेश में मुस्लिम हिंदुओं पर हमले कर रहे हैं और समर्थकों ने सोशल मीडिया पर हमलों की फर्जी खबरों की बाढ़ ला दी है।

विज्ञापन

बांग्लादेश से खबरों और सोशल मीडिया में हिंसा की घटनाएं जरूर सामने आ रही हैं और लोगों में अवामी लीग के खिलाफ गुस्सा है और उन पर हमले हो रहे है। लेकिन हिंदुओं को निशाना बनाने या संगठित हमलों की खबरें नहीं आ रही हैं। मौजूदा आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले छात्र संगठन ने मस्जिदों से हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए अपील की है।

रिपोर्ट के अनुसार, शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद जैसे ही बांग्लादेश में स्थिति अस्थिर हो गई, बांग्लादेशी मुसलमानों ने अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के बीच भय को रोकने के लिए मंदिरों की सुरक्षा की तस्वीरें साझा की हैं।

सोशल मीडिया पर हैशटैग #AllEyesOnBangladeshihindus ट्रेंड कर रहा है। छात्र नेताओं और राजनीतिक हस्तियों ने हिंसा और बर्बरता को समाप्त करने के लिए रैली की है और धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की मांग की है।

विज्ञापन

भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के समन्वयकों ने भी हिंदुओं की सुरक्षा के लिए अपील की। हालांकि रिपोर्टों से पता चलता है कि अवामी लीग के सदस्यों को भीड़ द्वारा निशाना बनाया गया था, लेकिन कोई भी रिपोर्ट हिंदुओं पर हमले की पुष्टि नहीं करती है।

बल्कि सोशल मीडिया पर ऐसी कई तस्वीरें सामने आई हैं जहां बड़ी संख्या में मुस्लिम हिंदू मंदिरों के सामने पहरा दे रहे हैं और हिंदुओं को सुरक्षा का भरोसा दिला रहे हैं। बल्कि मस्जिद के अंदर से लाउडस्पीकर पर इस संबंध में विशेष ऐलान भी हो रहा है। जिसमें कहा गया कि हम स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन आपसे देश में अशांति के इस दौर में सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने का अनुरोध करते हैं। हमें हिंदू अल्पसंख्यकों की रक्षा करनी है।’ बदमाशों/लुटेरों से उनके जीवन और संपत्ति की रक्षा करें। ये आपकी जिम्मेदारी है, हमारी जिम्मेदारी है और सबकी जिम्मेदारी है.

Back to top button

You cannot copy content of this page