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“ईरान-इजरायल संघर्ष पर भारत की अहम बैठक: भारत की कूटनीतिक पहल और चिंता”

ईरान-इजरायल संघर्ष पर जयशंकर ने विशेषज्ञों से की चर्चा

ईरान इजरायल संघर्ष भारत: मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव के बीच भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने विशेषज्ञों के साथ गहरी चर्चा की। इस बातचीत में उन्होंने ईरान-इजरायल संघर्ष पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इजरायल को आत्मरक्षा का अधिकार है, लेकिन स्थिति को और भड़कने से बचाना भी उतना ही जरूरी है।

भारत की कूटनीतिक पहल: “संघर्ष को और नहीं बढ़ाना चाहिए”

भारत के विदेश मंत्रालय ने इस संदर्भ में एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि सभी संबंधित पक्षों को बातचीत और कूटनीति के माध्यम से मुद्दों को सुलझाना चाहिए। मंत्रालय ने मध्य पूर्व में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति पर गहरी चिंता जताई और सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील की, साथ ही नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

ईरान का हमला: 150 बैलिस्टिक मिसाइलें और हाइपरसोनिक फत्ताह का इस्तेमाल

हाल के दिनों में ईरान ने इजरायल पर एक साथ 150 बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं, जो इस क्षेत्र के हाल के इतिहास में सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है। ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के अनुसार, इस हमले में पहली बार हाइपरसोनिक फत्ताह मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया, जिससे 90% मिसाइलों ने इजरायल के लक्ष्यों को सफलतापूर्वक भेदने का दावा किया गया। हालांकि, इजरायल और अमेरिका के नेतृत्व वाले रक्षा गठबंधन ने इन मिसाइलों में से अधिकांश को नष्ट करने का दावा किया है।

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भारत का संदेश: क्षेत्रीय संघर्ष को फैलने से रोकना जरूरी

भारत ने इस संघर्ष के क्षेत्रीय आयामों को फैलने से रोकने की आवश्यकता पर बल दिया है और बातचीत के जरिए समाधान की बात की है। जयशंकर ने कहा कि इस तरह के संघर्षों से पूरे क्षेत्र की सुरक्षा पर खतरा हो सकता है, और इसमें सभी देशों को संयम बनाए रखना चाहिए।

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