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जबलपुर: राशन दुकान में सड़े राशन पर बवाल, विरोध के बाद वापस लौटी पूरी खेप

जो गेहूं जानवर भी न खा सके वो गेहूं गरीबों को बांटे जा रहे हैं। लेकिन कोई इस मामले में बोलने वाला नहीं है। मजबूर गरीब इन राशन दुकानों के सड़े राशन को खाने को मजबूर हैं।

सड़ा गेहूं बांटने का ताजा मामला बीते दिनों रद्दी चौकी अस्तपाल के समीप स्थित एक राशन दुकान में सामने आया। जहां राशन कार्ड धारियों को बांटने के लिये कीड़े और घुन्न लगा सड़ा गेहूं लाया गया था। लेकिन क्षेत्रीय पार्षद शफीक हीरा  की सक्रीयता और सजगता के चलते इस राशन दुकान से जुड़े सैंकड़ों कार्डधारी और उनका परिवार महफूज हो गये। सूचना मिलते ही पार्षद शफीक हीरा मौके पर पहुंचे, उन्होंने तत्काल राशन वितरण रुकवाया। विभागीय अधिकारियों से सख्त आपत्ति दर्ज कराई। जिसके बाद उतारे गये गेहूं वापस ट्रक में लादकर डिपो वापस पहुंचाए गये और साफ गेहूं की खेप आई और उसका वितरण अब सोमवार से होगा।

पार्षद शफीक हीरा ने बताया 2 दर्जन से अधिक क्षेत्रवासियों ने उन्हें शिकायत की थी कि उनको राशन दुकान से जो राशन मिला है, वो कीड़ा-घुन लगा हुआ सड़ा गेहूं हैं। शिकायत के फौरन बाद मैं दुकान गया और जांच की तो शिकायत सत्य थी। उसी समय मैने संबंधित अधिकारी फोन लगाया और आपत्ति दर्ज कराई। फूड कंट्रोलर से लेकर जिला आपूर्ति अधिकारी तक से बात की गई। जिसके बाद सड़ा हुआ गेहूं वापस लौटाया गया। शनिवार को फिर साफ गेहूं आया और गरीबों को वितरित किया गया।

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पार्षद ने राशन दुकान और विभाग के प्रभारी को चेतावनी दी है कि किसी भी हाल में सड़ा हुआ अनाज गरीबों को बंटने नहीं दिया जाएगा। वे और उनकी टीम अब इस राशन दुकान और वार्ड की सभी राशन दुकानों की सतत निगरानी करेंगे। राशन दुकान से गरीबों को बंटने वाली कोई भी वस्तु यदि निम्न गुणवत्ता की होगी तो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

बाकी दुकानों का क्या…

आज सवाल सबसे बड़ा यही है कि रद्दी चौकी स्थित राशन दुकान से राशन लेने वाले गरीब तो पार्षद की सजगता से महफूज हो गये। लेकिन मुस्लिम समाज की दूसरी राशन दुकानों में चल रही धांधली को लेकर कौन आवाज उठाएगा।

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