फिर आबाद हो रहा लेबनान, लौट रही इजरायली सेना..। नबीह की अपील ‘आप शहीदों के वारिस हैं, अपने घर लौटें..’ यही नसरुल्लाह को सच्ची खिराज ए तहसीन
लेबनान पार्लियामेंट के सदर और लेबनान की तरफ से सीजफायर पर हस्ताक्षर करने वाले नबीह बेरी ने हाल ही में युद्धविराम की घोषणा के बाद देश में के संदेश में कहा आज अगर लेबनान आजाद है, आज अगर लेबनान की सरहदें महफूज हैं, आज अगर लेबनान की आत्मसम्मान बाकी है तो हिजबुल्लाह के चीफ शहीद हसन नसरुल्लाह की वजह से है. अपने भषण में उन्होंने देश के शहीद, सय्यद हसन नसरल्लाह को श्रद्धांजलि अर्पित की। बेरी ने कहा कि नसरल्लाह ने उन्हें “राजनीतिक मोर्चा संभालने की जिम्मेदारी” सौंपी थी।
बेरी ने इजरायली जंग के बाद लेबनानी लोगों की हिम्मत की सराहना की, और कहा अब देश एक नए युग की शुरुआत कर रहा है। उन्होंने इस समय की लेबनान के लिये सबसे खतरनाक चुनौतियों का समय बताया ।
बेरी ने जंग में बेघर हुये नागरिकों से उनके क्षेत्रों में लौटने की अपील की. बेरी ने कहा लेबनान के विस्थापितों को शहीदों का वारिस और जो जगह इजरायली कब्जे से आजाद कराई गई है उसे शहीदों की विरासत कहा और विस्थिपतों से अपील की है कि अपनी विरासत को संजाएं. “भले ही आपको मलबे पर जीना पड़े, अपने उन क्षेत्रों में लौटें जिन्हें शहीदों ने आजाद कराया है ।”
संकल्प 1701 को लागू करने की मांग की…
लेबनान के देखरेख प्रधानमंत्री नजीब मिकाती ने हाल ही में युद्धविराम के बाद UN संकल्प 1701 के पूर्ण कार्यान्वयन के लिए सरकार की प्रतिबद्धता की पूरी की। उन्होंने कहा, “आज हम एक राष्ट्रीय और ऐतिहासिक क्षण का सामना कर रहे हैं, असाधारण समय में जी रहे हैं, जिसमें हमारे सामने आने वाली त्रासदी के अनुपात में एक बड़ी और सामूहिक जिम्मेदारी है।”
तेल अवीव पर हमले के बाद झुका इजरायल
तेहरान: ईरान की इस्लामिक रेवोल्यूशन गार्ड्स कॉर्प्स (IRGC) के प्रमुख मेजर जनरल होसैन सलामी ने जुमे के दिन दावा किया कि हिजबुल्लाह ने अपने मजबूत हमलों और तेल अवीव के अंदर तक मिसाइल हमलों के जरिए “इजराइल” को युद्धविराम मानने के लिए मजबूर कर दिया।
सलामी ने कहा कि तेल अवीव और हाइफा, जो “इजराइल” के राजनीतिक और आर्थिक केंद्र हैं, को निशाना बनाना युद्ध के अंत की ओर ले गया। उन्होंने “लेबनान के साथ युद्धविराम को मानने के लिए “इजराइल” की स्वीकृति को क बड़ी हार बताया।
सलामी ने बताया कि “इजराइल” के प्रमुख समर्थक अमेरिका और फ्रांस ने युद्धविराम लागू करने के लिए गंभीर राजनीतिक दबाव डाला, क्योंकि उन्होंने देखा कि हिजबुल्लाह ने “इजराइल” की सैन्य क्षमता को किस तरह तोड़ दिया।
उन्होंने हेज़बोल्लाह की सफलता की तारीफ की और युद्धविराम को “लेबनानी लोगों और हिजबुल्लाह के लिए एक बड़ी और मुबारक जीत” बताया, जिसे उन्होंने इसे”अरब दुनिया के फख्र” के रूप में बयान किया।
सलामी ने कहा, “इजराइल अब हार चुका है, इसका पतन तेज हो रहा है, जबकि हिजबुल्लाह की ताकत लगातार बढ़ रही है।” उन्होंने यह भी कहा कि शक्ति का संतुलन फिर से बदल रहा है और “हम इजराइल के पतन की शुरुआत देख रहे हैं।”
गाजा पर सलामी ने कहा कि “इजराइल” को तुरंत युद्धविराम का ऐलान करना चाहिए, क्योंकि वह अब युद्ध को जारी नहीं रख सकता।