
मॉस्को। यूक्रेन युद्ध में अब तक लग रहा था कि जेलेंस्की की सेना भारी पड़ रही है, क्योंकि यूक्रेनी आर्मी ने रूस के 35 किलोमीटर से ज्यादा अंदर तक कब्जा कर लिया था। लेकिन अब रूस ने इन हमलों का करारा जवाब दिया है। रूसी सेना अब यूक्रेन की सेना को खदेड़ रही है और अपनी जगह खाली करवा रही है। रूसी सैनिकों ने अब यूक्रेन के दोनेत्स्क के उत्तर-पश्चिम इलाके में खासी बढ़त बना ली है। इसके जवाब में यूक्रेन ने अपने शहर पोकरोवस्क के नागरिकों को यहां से चले जाने को कहा है। जैसे-जैसे रूसी सेना आगे बढ़ती जा रही है वैसे-वैसे यहां ऐसे बदलाव देखने को मिल रहे हैं।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने रविवार को कहा था कि कुर्स्क में यूक्रेन की सेना सिर्फ इसलिए घुसी क्योंकि वो बफर जोन चाहते हैं, ताकि मास्को से जो अटैक हम पर किया जा रहा है, उसे रोका जा सके। इसीलिए यूक्रेनी सैनिकों ने रूसी सीमा में दूसरा पुल भी उड़ा दिया, जिससे रूस के सैनिकों को सैन्य साजोसामान की आपूर्ति रोकी जा सके। यूक्रेनी सेना कुर्स्क में लगभग दो हफ्ते से बढ़त पर है। एक के बाद एक इलाके को अपने कब्जे में लेती जा रही है। लेकिन रूस भी पीछे नहीं है। उसने यूक्रेन के पूर्वी क्षेत्र में आक्रमण कर दिया है। उसकी सेनाएं यूक्रेन के काफी अंदर तक घुस चुकी हैं। कुर्स्क पर जिस तरह यूक्रेनी सेना ने अटैक किया, उससे रूस को अपनी रक्षा के लिए करारा वार करना ही था।
दोनेत्सक के गवर्नर वादिम फिलाशकिन ने 14 जगहों से बच्चों और उनके माता-पिताओं को हट जाने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि यहां अभी चार हजार बच्चों समेत 53 हजार लोग रह रहे हैं। इन्हें कहीं और बसाना होगा क्योंकि रूसी सेना काफी तेजी से अटैक करते हुए अंदर की ओर आ रही है। इससे पहले जेलेंस्की ने कहा था, हमारा मकसद रूस की युद्ध क्षमता को नष्ट करना और अधिकतम जवाबी कार्रवाई करना है। इसमें कुर्स्क क्षेत्र में हमारा अभियान शामिल है। सैन्य मामलों के रूस समर्थक ब्लॉगर ने माना कि ग्लुशकोवो शहर के पास सीम नदी पर एक पुल के नष्ट होने से यूक्रेन के आक्रमण से निपटने के लिए रूसी सेना की आपूर्ति बाधित हुई थी, हालांकि रूस अब भी ‘पंटून’ और छोटे पुलों का उपयोग कर सकता है।