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वक्फ बिल पर बनी JPC ने सत्ता पक्ष के 14 संशोधनो को दी मंजूरी, विपक्षी सासंदो ने बताया तानाशाही …

संसद के बीते सत्र मे वक्फ संशोधन बिल पर सदन मे भारी हंगामा देखने को मिला था जिसके बाद 8 अगस्त को लोकसभा मे विधेयक पेश होने के बाद JPC समिति का गठन कर दिया गया था। जिसमें सत्ता पक्ष व विपक्ष के सासंदो को समिति का सदस्य बनाया गया था। वक्फ बिल पर बनी जेपीसी ने भी इसको लेकर निरंतर बैठके की जिसमें लगभग सभी सदस्यो ने सहभागिता भी की जहां JPC की अन्तिम बैठक आज 27 जनवरी को हुई जिसमें 14 संसोधनो के साथ JPC ने विधेयक को मंजूरी दे दी ।

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बताते चले की बैठक मे प्रस्तुत 44 संशोधनों पर चर्चा हुई जिसमे से केवल 14 को स्वीयकार किया गया। यह सभी 14 संशोधन सत्ता पक्ष के ओर से रखे प्रस्तुत किए गए थे वही विपक्षी सांसदो के सुझावो को खारिज कर दिया गया। जिसपर विपक्षी सांसदो ने समिति पर उनकी बात न सुनने व तानाशाही करने का आरोप लगाया।

वक्फ बिल पर बनी जेपीसी पहले ही दिन से विवादो से घिरी रही जहां बैठको मे हंगामे,बवाल,विवाद की खबर निरंतर सुनने को मिली। जहां तक की बीते शुक्रवार को हुई बैठक मे तो मार्शल बुलाने तक की नौबत आ गई थी साथ ही बवाल इतना बढ़ गया था की समिति से 10 विपक्षी सासंदो को एक दिन के लिए निलंबित तक कर दिया गया था। तबसे ही विपक्षी सांसद सरकार व समिति की कार्यशैली को लेकर हमलावर थे और अब उनके एक भी संशोधन को मंजूरी न मिलने के बाद वह जेपीसी समेत सरकार पर जमकर जबानी हमले करते देखे जा रहे है। विपक्षी सांसदों ने जेपीसी की बैठकों में लोकतांत्रिक प्रक्रिया नष्ट होने का आरोप लगाया है।

वक्फ बिल पर बनी जेपीसी मे टीएमसी की आरे से सासंद कल्याण बैनर्जी समिति के सदस्य थे जो की पहले ही दिन से आक्रामक अंदाज मे देखे जा रहे थे। जेपीसी की बैठक पूर्ण हो जाने के बाद एक बार फिर कल्याण बैनर्जी को जबानी हमला करते देखा गया जहां उन्होने समिति के चैयरमैन जगदंबिका पाल पर तानाशाही करने का आरोप लगाते देखा गया । कल्याण बैनर्जी समेत अधिकांश विपक्षी सांसदो का कहना था की “ उन्होने वही किया जो उन्होने पहले से तय किया हुआ था

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इसके अलावा कॉग्रेस से समिति मे सदस्य रहे नासिर हुसैन,शिवसेना (उध्दव गुट) के सासंद अरविंद सावंत ने यह आरोप लगाए की विधेयक के खंडो पर चर्चा ही नही की गई बिना विपक्ष का पक्ष सुने संशोधन पर मतदान करा दिया गया जबकि इस पर पहले चर्चा की जानी थी।

हालंकि विपक्षी सांसदो के इन आरोपो को समिति के चैयरमैन जगदंबिका पाल ने सिरे से खारिज कर दिया उनका कहना था की जो भी संशोधन या निर्णय हुए है वह बहुमत के आधार पर हुए साथ ही उन्होने पूरी प्रक्रिया के लोकतात्रिंक तरीके से पूर्ण होने की बात कही। प्राप्त जानकारी के अनुसार यह मसौदा रिपोर्ट 28 जनवरी को सर्कुलेट की जाएगी व 29 जनवरी को इसे ऑफिश्यली अडाप्ट किया जाएगा जिसके बाद14 आगामी सत्र मे इसे सदन मे प्रस्तुत किए जाना तय माना जा रहा है।

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