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पहले बाबरी मस्जिद, अब हर मस्जिद: नये वक्फ कानून के खिलाफ जबलपुर में प्रदर्शन: उलेमा ने कहा, वक्फ हमारा ईमान का हिस्सा, इसमें समझौता नहीं: हम गांधी जी के दिखाए रास्ते पर आखरी सांस इस नाइंसाफी के खिलाफ लड़ेंगे

हमने बाबरी मस्जिद की नाइंसाफी मुल्क की अमन खुशहाली की खातिर बर्दाश्त की. हमें उम्मीद थी अमन आएगा, हमारी बाकी इबादतगाहें महफूज रहेंगी. लेकिन सरकार कई कदम आगे चली गई और आज वक्फ एक्ट में खौफनाक बदलाव करके हमारी हर इबादत गाह को खतरे में ला दिया गया है.

पहले हमारे शरीयत में दख्ल दिया गया. फिर सीएए के साथ हमारी नागरिकता खत्म करने की साजिश शुरु हुई. अब हमारी मस्जिदों मदरसों ईदगाहों को बर्बाद करने का खेल शुरु किया गया है. सरकार के निशाने पर मुसलमान है. हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे. संविधान के दायरे में, पुर अमन तरीके से आखरी सांस तक हम विरोध करते रहेंगे.

यह बात मंडी मदार टेकरी में आयोजित तारीखी अहतिजाजी जलसे में हजरत मुफ्ती ए आजम मौलाना मुशाहिद रजा कादरी ने कही.

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आपने कहा यह देश संविधान से चलेगा, किसी पार्टी की विचारधारा से नहीं. आपने कहा हमारी खामोशी को हमारी कमजोरी न समझा जाए. हमारे सब्र का इम्तेहान न लिया जाए. वक्फ संशोधन को वापस लेकर पुराना वक्फ एक्ट बहाल किया जाए.

प्रदर्शन के समापन पर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन प्रशासनिक अधिकारियों को सौंपा गया.

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इस दौरान  मुफ्ती नईम अख्तर मिस्बाही , मुफ्ती अकबर मिस्बाही, मुफ्ती अब्दुल रहमान , मुफ्ती अब्दुल फ़रीद, मुफ्ती फैजान , मौलाना महताब आलम सहित मस्जिदों के इमाम, मदरसों  के हाफिज, खानकाहों के सज्जादानशीन, उलेमाए किराम, राजनीतिक सामाजिक प्रतिनिधियों सहित हजारों की तादाद में उलेमा ए किराम मौजूद रहे.


हम हवाओं का रुख बदलने जानते हैं – मुफ्ती नईम अख्तर मिस्बाही

मुफ्ती नईम अख्तर मिस्बाही ने जंग ए बदर और कर्बला की जंग का जिक्र करते हुए कहा कि हवा के रुख के साथ चलना बुजदिलों का काम है। हम तो वो लोग हैं जो हवाओं का रुख बदलकर अपना रास्ता बनाना जानते है।  आपने आगे कहा, हम अमन पसंद लोग हैं। हम अपने रहनुमाओं की कयादत में विरोध दर्ज करा रहे हैं.  हम सरकार से कहना चाहते हैं कि हमारे सब्र का इम्तिहान न ले, वह इस काले कानून को वापस ले।

वक्फ बिल किसी हाल कबूल नहीं: मौलाना चांद कादरी

मुसलमानो के बाद ईसाइयों, सिखों  का नंबर : मौलाना अकबर मिस्बाही

सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए हुए मौलाना अकबर अली मिस्बाही ने कहा कि यह कानून आज मुसलमान के लिए आया है पर ये मानकर चलिए की इसके बाद ये सरकार अगला डाका हमारे ईसाइ, सिख भाईयों की मजहबी संपत्ति पर डालेगी. फिर हिन्दू भाइयों की संपति पर यह सरकार डाका डालेगी. इसलिए हमें चाहिए कि हम तमाम हिंदुस्तान के बाशिंदे एक साथ मिलकर इस कानून का विरोध करें।

हिंदुओं में मठ, ईसाइयों में चैरिटी, वैसे ही मुसलमानो में वक्फ- सौरभ नाटी शर्मा

संविधान में निहित धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का जिक्र करते हुए नगर कांग्रेस अध्यक्ष सौरभ शर्मा ने कहा कि मैने वक्फ को काफी अच्छे से समझा पढ़ा और जाना है। हर समाज में समाज के शोषितो वंचितों जरूरतमंदों के लिए व्यवस्था की जाती है। इस व्यवस्था के लिए हिंदुओं में मठ तो ईसाइयों में चैरिटी होती है वैसे ही मुसलमान में वक्फ के जरिए ये व्यवस्था की जाती है।  श्री शर्मा ने आगे कहा कि भले से यह सरकार कानून बनाकर कुछ भी करले मगर हमारे बड़े बुजुर्गों ने हमें जो रास्ता दिखाया है हम उस रास्ते पर चलते हुए इस आंदोलन को अंजाम तक पहुंचाएंगे और सरकार को यह कानून वापस लेना होगा।

समाज का हर वर्ग एक साथ: अमीन कुरैशी

हमारी पहचान मिटाई जा रही है: सैय्यद ताहिर अली

जबलपुर के मंडी मदार टेकरी में नये वक्फ कानून के खिलाफ हुये प्रदर्शन में राज्य सभा सांसद प्रतिनिधि सैय्यद ताहिर अली ने कहा भाजपा सरकार कह रही है की हम वक्फ की संपत्ति पर अतिक्रमण हटाने के लिये कानून लाए हैं. जब हकीकत में भाजपा ने संशोधन किया है कि वक्फ की जमीन पर जो 12 साल तक कब्जा कर ले, वक्फ की जमीनी पर मालिकाना हक पाने का दावा कर सकता है. ऐसे एक दो नहीं दर्जन भर संशोधन भाजपा ने वक्फ एक्ट में किये हैं. जिससे मस्जिद, मदरसे, ईदगाहे सहित लाखों वक्फ संपत्तियां को खुर्द बुर्द करना, बर्बाद करना, लूटना, छीन लेना आसान कर दिया गया है. आज हमारी पहचान मिटाने की साजिश यह सरकार रही है, जिससे कभी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. श्री ताहिर ने आगे कहा, जो खौफनाक खेल भाजपा सरकार खेल रही है, उससे देश के 25 करोड़ मुसलमानों का इतिहास, वर्तमान और आने वाला कल संकट में आ गया है. हम इस संशोधन की मुखालफत करते हैं. हम आखरी सांस तक पुराना वक्फ एक्ट बहाल करने के लिये गांधीवादी तरीके से संघर्ष करते रहेंगे.

वकीलों ने दी आंदोलन की चेतावनी

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बाज़ मीडिया जबलपुर डेस्क 'जबलपुर बाज़' आपको जबलपुर से जुडी हर ज़रूरी खबर पहुँचाने के लिए समर्पित है.
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