
नई दिल्ली। भारतीय पत्रकार और लेखिका राणा अय्यूब को एक कनाडाई नंबर से मिली जान से मारने की धमकियों ने फिर से देश में पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अंतरराष्ट्रीय संगठन कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स (CPJ) ने इस घटना पर चिंता व्यक्त करते हुए भारतीय अधिकारियों से अय्यूब और उनके परिवार की तत्काल सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।
“हैरी शूटर” नाम से आई धमकी भरी कॉलें
राणा अय्यूब ने बताया कि यह घटनाक्रम 2 नवंबर की रात शुरू हुआ, जब उन्हें “हैरी शूटर” नाम के अकाउंट से कई कॉल और मैसेज मिले। कॉल करने वाले नंबर की प्रोफ़ाइल पिक्चर जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की थी।
कॉलर ने कथित तौर पर उनसे मांग की कि वे द वॉशिंगटन पोस्ट में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्यारों की तारीफ में एक लेख प्रकाशित करें।
अय्यूब के अनुसार, जब उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, तो कॉलर ने उन्हें इंदिरा गांधी की हत्या और कलाश्निकोव थामे लोगों की तस्वीरें भेजीं और कहा कि यह “कोई अनुरोध नहीं बल्कि चेतावनी” है।
परिवार को भी धमकाने की कोशिश
अय्यूब ने बताया कि कॉल करने वाले व्यक्ति ने उनके पिता को निशाना बनाए जाने की धमकी दी और उनके परिवार के निजी कार्यक्रमों की जानकारी भी दी — जो केवल करीबी रिश्तेदारों को ही पता थी।
उसने अय्यूब का घर का पता बताते हुए कहा कि वह “सेलिब्रेट करने के लिए शार्पशूटर भेजेगा।”
अय्यूब ने कहा, “उसने साफ कहा कि मुझे इस भ्रम में नहीं रहना चाहिए कि मेरे पिता भी सुरक्षित रहेंगे।”
पुलिस कार्रवाई और जांच की मांग
राणा अय्यूब ने इस पूरे प्रकरण की शिकायत दर्ज कराई। शिकायत की प्रति मकतूब नामक मीडिया पोर्टल ने देखी है।
अय्यूब ने बताया कि पुलिस ने शुरुआती तौर पर FIR दर्ज करने से इनकार कर दिया और कहा कि तकनीकी सीमाओं के कारण कार्रवाई मुश्किल है।
हालांकि, उनकी लिखित शिकायत पर जोर देने के बाद पुलिस ने फिलहाल दो अधिकारियों को सुरक्षा में तैनात किया है — एक उनके मुंबई स्थित घर पर और दूसरा उनके परिवार के उत्तर प्रदेश वाले घर पर।
अय्यूब ने कहा, “मैंने जांच की मांग की है, खासकर इसलिए क्योंकि उस नंबर की डीपी लॉरेंस बिश्नोई की थी।”
CPJ ने जताई गहरी चिंता
CPJ के भारत प्रतिनिधि कुणाल मजूमदार ने कहा,
“एक अनजान अंतरराष्ट्रीय नंबर से राणा अय्यूब और उनके पिता को दी गई हिंसा की धमकियां बेहद चिंताजनक हैं। अधिकारियों को तुरंत कार्रवाई करते हुए जिम्मेदार लोगों की पहचान करनी चाहिए और भारत में सभी पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए ताकि वे बिना डर के काम कर सकें।”
पहले भी रही हैं निशाने पर
राणा अय्यूब अपने जांच आधारित लेखन और सरकारी नीतियों की आलोचना के लिए जानी जाती हैं। उन्हें पहले भी ऑनलाइन ट्रोलिंग, हैरेसमेंट और धमकियों का सामना करना पड़ा है।
नवंबर 2024 में CPJ ने बताया था कि मणिपुर में रिपोर्टिंग के दौरान भारतीय खुफिया अधिकारियों ने कथित तौर पर उनका पीछा किया था।
वर्तमान स्थिति पर अय्यूब ने कहा,
“मैं फिलहाल घर पर रह रही हूं और बाहर नहीं निकल रही हूं। मैं बस अपनी रिपोर्टिंग आज़ादी और ईमानदारी से करना चाहती हूं, न कि डर के माहौल में अपने परिवार के साथ कमरे में बंद रहना।”
पत्रकारों की सुरक्षा पर फिर सवाल
यह घटना भारत में पत्रकारों की सुरक्षा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर एक बार फिर गंभीर बहस छेड़ती है।
CPJ और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने भारत सरकार से अपील की है कि पत्रकारों के खिलाफ बढ़ती ऑनलाइन धमकियों और शारीरिक हमलों के मामलों को गंभीरता से लेते हुए कड़े कदम उठाए जाएं।



