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16 माह बाद भी एक ही सवाल…. क्यों नहीं रुक रही मणिपुर में हिंसा

3 मई 2023 से हिंसा का दौर शुरू हुआ था

नई दिल्ली। मणिपुर हिंसा की आग में जल रहा है। पूर्वोत्तर के इस राज्य में लूट, हत्याओं और अशांति की खबरें आम हैं। मणिपुर में 3 मई 2023 से हिंसा का दौर शुरू हुआ था। लेकिन 16 महीने बाद भी राज्य में शांति बहाल नहीं हुई। मणिपुर में हालात की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लग सकता हैं कि वहां हिंसा में शामिल दोनों समुदायों के पास वे हथियार हैं जिनका इस्तेमाल आमतौर पर युद्ध में होता है। सेना इस कदर मजबूर है कि उन्हें एंटी ड्रोन सिस्टम तैनात करने पड़े हैं। पहाड़ों और घाटियों में लोगों ने बंकर बना रखे हैं। अब सवाल ये उठता है कि 16 महीने बाद भी हिंसा क्यों नहीं थम रही ?

इसके कई कारण हैं। आसान भाषा में पूरी लड़ाई दो जातीय समूह कुकी और मैतई के बीच है। ज्यादात्तर मैतई समुदाय के लोग घाटी में रहते हैं और वहीं कुकी समुदाय के लोग पहाड़ों पर रहते हैं। हिंसा के बाद इन दोनों समुदायों का एक-दूसरे के स्थानों पर जाना बंद सा है। यही अलगाव हिंसा न थमने का एक बड़ा कारण भी है।

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दोनों की अलग-अलग लोकेशन होने के चलते पूरा इलाका एक सरहद में बदल चुका है। रिपोर्ट के अनुसार, दोनों ने अपने लिए सेफ बंकर बना लिए हैं। भारी मात्रा में हथियार दोनों के पास ही मौजूद हैं। जिससे जब मौका मिलता है तब वे एक-दूसरे पर हमला करते हैं और फिर बंकर में छिप जाते हैं। घाटी और पहाड़ी होने के चलते उन्हें रोक पाना भी मुश्किल हैं।

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