
मदन महल पहाड़ी को संरक्षित करने की कवायद का दूसरा चरण 25 फरवरी से शुरू होने जा रहा है। इस दिन से यहां बसे हुए परिवारों को विस्थापित करने की प्रक्रिया आरंभ होगी। जिला प्रशासन ने इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं, और इस बार पहाड़ी पर काबिज करीब 1,800 अतिक्रमणों पर बुलडोजर चलेगा।
यह कार्रवाई हाईकोर्ट के निर्देश पर की जा रही है, ताकि पहाड़ी पर हुए अतिक्रमण को हटाया जा सके, जो यहां के पर्यावरण और संरचना के लिए खतरे का कारण बने थे। वर्ष 2022 में भी प्रशासन ने मदान महल पहाड़ी पर बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटाए थे, और अब इस नए चरण में पहाड़ी के आसपास चिन्हित सभी अतिक्रमणों को हटा कर पुनः प्राकृतिक संरक्षण की दिशा में कदम बढ़ाए जाएंगे।
विस्थापन और पुनर्वास की योजना
विस्थापित किए जाने वाले परिवारों के लिए प्रशासन ने तेवर में 25 एकड़ भूमि आवंटित की है, जहां उन्हें पुनर्वास के तहत 450 वर्ग फीट के भूखंड दिए जाएंगे। इसके अलावा, जिला प्रशासन और नगर निगम मिलकर इस स्थल पर आवश्यक आधारभूत सुविधाएं, जैसे सड़क, नाली, और बिजली के इंतजाम कर रहे हैं।
कलेक्टर दीपक सक्सेना ने इस संबंध में एक बैठक में कहा कि हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार, विस्थापन की प्रक्रिया शीघ्रता से पूरी की जाएगी। उन्होंने एसडीएम अनुराग सिंह को निर्देशित किया कि विस्थापित होने वाले परिवारों से बैठक करें और उन्हें आगामी शिफ्टिंग के बारे में जानकारी दें।
अतिक्रमण हटाने के बाद पौधरोपण का काम
मदान महल पहाड़ी से अतिक्रमण हटाए जाने के बाद वहां पौधरोपण की योजना भी बनाई गई है। आईसीएमआर के सामने से लेकर बाजनामठ तक के क्षेत्र में चिन्हित अतिक्रमणों को हटाकर इस स्थान पर हरियाली बढ़ाने के लिए पौधे लगाए जाएंगे। इससे पहले, चौहानी, त्रिपुरी चौक और आसपास के क्षेत्रों में भी अतिक्रमण हटाकर हजारों पौधे लगाए गए थे।
पुनर्वास के लिए लॉटरी सिस्टम
पुनर्वास के लिए प्लॉट का आवंटन लॉटरी सिस्टम के माध्यम से किया जाएगा, ताकि सभी विस्थापित परिवारों को समान अवसर मिल सके। साथ ही, विस्थापन स्थल पर वाटर स्टैंड पोस्ट की भी व्यवस्था की जा रही है, ताकि वहां निवास करने वाले लोगों को पानी की कोई समस्या न हो।
25 फरवरी से शुरू हो रही इस विस्थापन प्रक्रिया के बाद, मदान महल पहाड़ी को एक बार फिर संरक्षित किया जाएगा और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे।