जबलपुर: फीस वृद्धि मामले में निजी स्कूलों को हाईकोर्ट से अंतरिम राहत

कमेटी के आदेश पर रोक लगाते हुए हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर मांगा जवाब
जबलपुर । मप्र हाईकोर्ट में स्कूल फीस वृद्धि तथा रिफंड के मामले में जिला कमेटी के आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में अपील दायर की थी। एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा तथा जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने जिला कमेटी के आदेश पर रोक लगाते हुए अनावेदकों को नोटिस जारी की जवाब पेश करने के निर्देश दिये है। युगलपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 25 अगस्त को निर्धारित की है।
दरअसल क्राइस्ट चर्च स्कूल, सेंट अलॉयसियस स्कूल, सेंट जॉन्स स्कूल दमोह सहित पांच स्कूलों की ओर से यह अपील दायर की गई थी। जिसमें कहा गया था कि जिला कमेटी के द्वारा उनके स्कूल की फीस का निर्धारण किया गया है। इसके अलावा साल 2017-18 से की गयी फीस वृद्धि की राशि वापस लौटाने के आदेश जारी किये है। जिसे चुनौती देते हुए उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। एकलपीठ द्वारा याचिका खारिज किये जाने के कारण उक्त अपील दायर की गयी है। अपीलकर्ता स्कूलों की ओर से कहा गया कि मप्र निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) के तहत स्कूल प्रबंधन फीस में दस प्रतिशत की बढ़ोत्तरी कर सकता है। स्कूल प्रबंधन द्वारा फीस वृद्धि में 10 प्रतिशत से अधिक बढ़ोतरी की जाती है, तो इसके लिए जिला कमेटी से अनुमति आवश्यक है। फीस में 15 प्रतिशत से अधिक बढ़ोतरी करने पर राज्य कमेटी से अनुमति आवश्यक है। स्कूल प्रबंधन के द्वारा 10 प्रतिशत से अधिक फीस वृद्धि नहीं की गयी है। अपवाद स्वरूप अधिकतम 13 प्रतिशत तक बढ़ोतरी की गयी है। कमेटी ने मनमाने तरीके से फीस वृद्धि का निर्धारण किया है। युगलपीठ ने अपील की सुनवाई के बाद उक्त आदेश जारी किये। अपीलकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता अंशुमान सिंह ने पक्ष रखा।