
इलाहाबाद: संभल की शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई। मस्जिद की प्रबंध समिति ने निचली अदालत के सर्वे के हुक्म को चैलेंज करते हुए हाईकोर्ट में अपील दाखिल की थी। इस पर सुनवाई के बाद जज रोहित रंजन अग्रवाल की एकल पीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।
मस्जिद कमेटी के वकील सैयद फैज़ान अहमद नक़वी ने बताया कि हाईकोर्ट अब जल्द ही ये तय करेगा कि जामा मस्जिद का सर्वे होगा या नहीं।
दरअसल, 19 नवंबर 2024 को संभल की सिविल कोर्ट ने मस्जिद का सर्वे कराने का हुक्म दिया था। लेकिन जब सर्वे टीम वहां पहुंची, तो शहर में हिंसा भड़क उठी। इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी। बाद में मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा, जहां फिलहाल सर्वे पर रोक लगी हुई है।
क्या कहा दोनों पक्षों ने?
मार्च में मुस्लिम पक्ष ने अपनी आपत्ति में कहा था कि हर साल रमज़ान से पहले मस्जिद की रंगाई-पुताई होती है, इस बार भी वही इजाज़त मांगी गई थी। मगर हिंदू पक्ष ने आरोप लगाया कि मस्जिद कमेटी ढांचे में छेड़छाड़ करना चाहती है।
12 मार्च को हाईकोर्ट ने मस्जिद में पेंटिंग की इजाज़त दी थी, लेकिन सर्वे के मसले पर अलग सुनवाई चलती रही। 13 मई को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया।
पिछले घटनाक्रम पर नज़र
- 19 नवंबर 2024: सिविल कोर्ट ने मस्जिद का सर्वे करने का आदेश दिया।
- हिंसा: सर्वे टीम के पहुंचने पर शहर में बवाल, 4 लोगों की मौत।
- सुप्रीम कोर्ट: हिंसा के बाद सर्वे पर अंतरिम रोक लगाई गई।
- 13 मई 2025: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लंबी सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा।
अब सबकी नज़र हाईकोर्ट के फैसले पर है कि क्या संभल की जामा मस्जिद का सर्वे होगा या नहीं।