जॉय सीनियर सेकेंडरी स्कूल प्रबंधन के खिलाफ एफआईआर: अध्यक्ष और सचिव गिरफ्तार
कलेक्टर दीपक सक्सेना के निर्देश पर चल रही जांच के तहत जॉय सीनियर सेकेंडरी स्कूल प्रबंधन के खिलाफ विजय नगर थाना में FIR दर्ज कराई गई है। पुलिस ने सुबह करीब 5 बजे स्कूल के शिक्षा सोसायटी के अध्यक्ष अखिलेश मेबिन और सचिव अनुराग श्रीवास्तव को गिरफ्तार किया है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तार आरोपियों से स्कूल की आवक-जावक सहित अन्य अनियमितताओं के संबंध में पूछताछ की जा रही है। संभावना जताई जा रही है कि पूछताछ के बाद दोनों आरोपियों को कोर्ट में प्रस्तुत किया जाएगा और रिमांड के लिए आवेदन किया जाएगा। प्राथमिक जांच में पाया गया है कि स्कूल प्रबंधन ने आपराधिक साजिश और सांठगांठ के तहत अनियमितताएं की हैं।
विजय नगर पुलिस ने बताया कि स्कूल के ऑडिट रिपोर्ट और बैलेंस शीट में अनियमितताओं की शिकायत मिली थी, जिसके बाद जांच की गई। जॉय एजुकेशन सोसाइटी और जॉय सीनियर सेकेंडरी स्कूल ने मध्यप्रदेश निजी विद्यालय फीस और संबंधित विषयों का विनियम अधिनियम 2017 के अंतर्गत नियम 12 (4) (ग) और (घ) का उल्लंघन करते हुए खर्च किए गए धन को गलत तरीके से प्रबंधित किया।
आरोप है कि स्कूल ने प्रशासन को वित्तीय जानकारी में हेरफेर की और 15,600 बच्चों से अवैध रूप से करोड़ों रुपये की फीस वसूली। स्कूल विभाग की जांच में यह तथ्य सामने आए हैं कि जाय सीनियर सेकेंडरी स्कूल ने करीब 15,600 बच्चों से 25 करोड़ 21 लाख रुपये की अवैध फीस वसूली कि थी। यह फीस स्कूल ने प्रशासन और शिक्षा विभाग की स्वीकृति के बिना वसूली थी, और वह भी 10 प्रतिशत से अधिक वृद्धि के नियक के खिलाफ पूरी वसूली हुई। इस मामले में स्कूल ने आय-व्यय की जानकारी में भी हेरफेर की थी और अपनी आय को अन्य स्रोतों से दिखाया, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि वित्तीय अनियमितताएं की जा रही थीं।
जांच अधिकारियों का मानना है कि संस्था ने दान की राशि को अपने वार्षिक अधिक्य में शामिल करके मनमाने तरीके से खर्च किया। अगर दान नहीं किया जाता, तो यह राशि वार्षिक अधिक्य के तहत आती और ऐसे में फीस में वृद्धि अनुज्ञेय नहीं होती। इसलिए, स्कूल प्रबंधन के इस कृत्य को छात्र-छात्राओं को आर्थिक हानि पहुंचाने के रूप में देखा जा रहा है।
2017-18 से 2022-23 तक के वित्तीय वर्ष के दौरान, जॉय एजुकेशन सोसाइटी और जॉय सीनियर सेकेंडरी स्कूल द्वारा किए गए व्ययों की गणना में कई गड़बड़ियाँ पाई गई हैं। विद्यालय प्रबंधन ने जांच समिति द्वारा की गई वार्षिक अधिक्य की गणना को अस्वीकार कर दिया, लेकिन कोई उचित स्पष्टीकरण प्रस्तुत नहीं किया।
पिछले कुछ वर्षों में, जॉय स्कूल प्रबंधन ने ट्यूशन फीस में हर साल 10% की वृद्धि की है, जिससे आर्थिक दबाव बढ़ा है। उदाहरण के लिए, सत्र 2019-20 में 10% की वृद्धि की गई, जबकि 2020-21 में कोई वृद्धि नहीं की गई। इसके बाद 2021-22 और 2022-23 में फिर से 10% तक की वृद्धि की गई। जांच में यह भी पाया गया है कि निर्धारित प्रारूप में फीस वृद्धि का विवरण उपलब्ध नहीं कराया गया।
यह मामला अब शहर के शिक्षा क्षेत्र में एक बड़ा मुद्दा बन गया है, और संबंधित अधिकारियों से इस संबंध में कड़े कदम उठाने की मांग की जा रही है। अब देखना यह होगा कि क्या पुलिस और प्रशासन इस मामले में आगे की कार्रवाई करते हैं और संबंधित जिम्मेदारों को न्याय के कठघरे में खड़ा करते हैं।
लम्बे समस से जारी है गिरफ्तारियां…
अवैध फीस वसूली मामले में अब कई लोग गिरफ्तार हो चुके हैं. जिनमें ओमती-नेपियर टाउन निवासी अजय उमेश जेम्स, गोरखपुर निवासी शाजी थॉमस, गोलछा अपार्टमेंट निवासी लूबी मैरी साठे, सीएमएस कंपाउंड निवासी अतुल अनुपम अब्राहिम, क्रिश्चियन कॉलोनी घमापुर निवासी एकता पीटर, और कई अन्य लोग शामिल हैं। इसके अलावा, भेड़ाघाट-आदर्श नगर निवासी भरतेश भारिल, संजीवनी नगर निवासी गुप्तेश्वर के चन्द्रशेखर विश्वकर्मा, गोराबाजार निवासी सूर्यप्रकाश वर्मा और शशांक श्रीवास्तव भी गिरफ्तार किए गए हैं। तिलवारा-सुखसागर निवासी चित्रांगी अय्यर, रतन कॉलोनी निवासी सुबोध नेमा, और राइट टाउन निवासी परिधी भार्गव समेत कई अन्य भी जांच के दायरे में हैं।