
शहर में स्मार्ट मीटर लगाने को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। बिजली कंपनियों द्वारा स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया को लेकर उपभोक्ताओं में गुस्सा बढ़ रहा है, वहीं कांग्रेस पार्टी ने भी इस मुद्दे पर मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस ने शनिवार को ओमती थाने में शिकायत दर्ज करवाई, जिसमें आरोप लगाया गया कि विद्युत विभाग ने उपभोक्ताओं पर दबाव डालकर गलत तरीके से झूठ बोलकर स्मार्ट मीटर लगाया है.
विक्टर ने की शिकायत..
शिकायत में बताया गया कि राजेंद्र कुमार विक्टर, जो इनकम टैक्स ऑफिस के पास रहते हैं, के घर पर 18 नवंबर को कुछ लोग आए थे। इन लोगों ने खुद को मोंटी कार्लो कंपनी का कर्मचारी बताकर कहा कि उनका मीटर खराब है और उसे बदलने की आवश्यकता है। इसके साथ ही उन्होंने यह धमकी दी कि यदि वे मीटर बदलने से इंकार करते हैं, तो उन पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
जब विक्टर ने प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने से इंकार किया, तो उन लोगों ने किसी अधिकारी से फोन पर बात की और कहा कि “यह मीटर नहीं बदलवाने पर उनका जुर्माना तैयार कर लिया जाएगा”। डर के कारण, विक्टर ने कहा कि “जो मीटर आप लगाना चाहते हो, वही लगा दीजिए”, लेकिन उन्हें यह बताया गया कि यह स्मार्ट मीटर नहीं है और उनका पुराना मीटर जैसा ही मीटर होगा।
600 से 2800 हुआ बिल
28 नवंबर को विक्टर को एक नया बिल भेजा गया, जिसमें 2800 रुपये का शुल्क था। यह बिल उनकी सामान्य मासिक खपत के बिल से कहीं अधिक था, जो आमतौर पर 500-600 रुपये के बीच आता था। विक्टर ने जब विद्युत कार्यालय में इसकी शिकायत की, तो उन्हें बताया गया कि उनके घर में जो मीटर लगा है, वह स्मार्ट मीटर है। विक्टर ने इस पर आपत्ति जताई, लेकिन विद्युत विभाग के अधिकारियों ने उन्हें धमकी दी कि अगर उन्होंने स्मार्ट मीटर नहीं स्वीकार किया, तो उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत की जाएगी और उनकी बिजली की सप्लाई काट दी जाएगी।
कांग्रेस का समर्थन और शिकायत
राजेंद्र कुमार विक्टर ने बताया कि डर के कारण वह घर वापस लौट गए, लेकिन जब उन्हें यह जानकारी मिली कि कांग्रेस पार्टी स्मार्ट मीटर के खिलाफ विरोध कर रही है, तो उन्होंने कांग्रेस से संपर्क किया और अपनी परेशानी बताई। इसके बाद, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विक्टर के साथ मिलकर ओमती थाने में मोंटी कार्लो के मैनेजर घनश्याम दुबे और अधीक्षण अभियंता संजय अरोड़ा के खिलाफ नामजद शिकायत दर्ज करवाई। साथ ही विक्टर ने यह मांग की कि उनका पुराना मीटर फिर से स्थापित किया जाए।
कांग्रेस की प्रतिक्रिया और आगामी कदम
कांग्रेस पार्टी ने इस मुद्दे पर अपनी नाराजगी जताते हुए आरोप लगाया कि बिजली कंपनियां उपभोक्ताओं पर दबाव डालकर और डर दिखाकर स्मार्ट मीटर लगाने का प्रयास कर रही हैं। कांग्रेस ने इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है और कहा है कि यदि विद्युत विभाग अपनी कार्यशैली को नहीं बदलता, तो वे इस मुद्दे को और बड़ा बना सकते हैं। कांग्रेस ने साथ ही यह चेतावनी दी है कि स्मार्ट मीटर के खिलाफ उनका विरोध लगातार जारी रहेगा।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं की उपस्थिति
इस शिकायत के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ता रितेश बंटी गुप्ता, प्रवेन्द्र चौहान, अनुज श्रीवास्तव, संदीप जैन, अभिषेक पाठक, भारत पटेल और अन्य कार्यकर्ता भी उपस्थित थे। कांग्रेस ने यह भी कहा है कि वे इस मामले में आगे कानूनी कार्रवाई करेंगे और उपभोक्ताओं की आवाज़ उठाते रहेंगे।
इस घटनाक्रम के बाद यह देखना होगा कि विद्युत विभाग इस शिकायत और विरोध को लेकर क्या कदम उठाता है और क्या उपभोक्ताओं की समस्याओं का समाधान निकलता है। इस मुद्दे पर राजनीतिक दलों और उपभोक्ताओं के बीच तकरार तेज हो सकती है, जो आने वाले दिनों में और अधिक विवाद को जन्म दे सकती है।