विधायक लखन घनघोरिया की जनहित याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई, फ्लाईओवर निमार्ण में हो रही देरी पर कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब…

जबलपुर शहर के बहुप्रतीक्षित फ्लाईओवर का मुद्दा एक बार जोर शोर से निकल कर सामने आया है और अब यह मामला हाईकोर्ट तक पहुंच चुका है जहां बीते शुक्रवार जबलपुर हाईकोर्ट में फ्लाईओवर से जुड़ी जनहित याचिका पर सुनवाई हुई यह याचिका पूर्व क्षेत्र से विधायक लखन घनघोरिया द्वारा रद्दी चौकी से लेकर अबेंडकर चौक तक प्रस्तावित फ्लाईओवर के निमार्ण में हो रही देरी को लेकर दायर की गई है। जहां इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने इस पर केंद्र सरकार से पूछा है की क्या संबधित फ्लाईओवर के लिए आवश्यक फंड मौजूद है या फिर बजट सैन्क्शन लंबित है।
दरअसल रद्दी चौकी से लेकर हाईकोर्ट चौराहे तक बनने वाले फ्लाईओवर का प्रोजक्ट तत्कालिक कमलनाथ सरकार में विधायक लखन घनघोरिया लेकर आएं थे परंतु इसके पहले की इसके निमार्ण को लेकर कोई ठोस कदम उठाए जाते उसके पहले ही कांग्रेस की सरकार गिर गई जिसके बाद भाजपा सरकार ने कांग्रेस विधायक के इस प्रोजेक्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया!
हालंकि जब मोहन यादव सरकार में लोक निमार्ण मंत्रालय जबलपुर के हिस्से में आया और जबलपुर पश्चिम से विधायक राकेश सिंह लोकनिमार्ण मंत्री बनाए गए तब इस फ्लाईओवर के बनने की आस एक बार फिर जागी जहां शुरुआत में यह फ्लाईओवर 3.2 किलोमीटर का प्रस्तावित था, जिसे बाद में बढ़ाकर 5.1 किलोमीटर कर दिया गया, लेकिन फंड की कमी के कारण अब तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है। जिसके बाद से पूर्व क्षेत्र के विधायक लखन घनघोरिया इसको लेकर संघर्ष करतें देखे जा रहे है। इसके पहले भी वो इस मुद्दे को विधानसभा में उठा चुकें है साथ ही इसको लेकर जनआदोंलन भी किए गए पर इन सब से कोई खासा परिणाम निकल कर सामनें नही आया जिसके बाद अब विधायक घनघोरिया ने न्यायलय का रुख किया है।
बतादें की इस मामलें में याचिकाकर्ता के आग्रह पर कोर्ट ने केंद्र सरकार को प्रतिवादी बनाया है जबकि सरकार की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता ने इसका विरोध किया। दरअसल विधायक घनघोरिया व लोक निमार्ण मंत्री राकेश सिंह दोनो ही जबलपुर से है ऐसे में सरकारी अधिवक्ता ने इस याचिका को राजनीति से प्रेरित बताया परंतु इस सबके बाद भी कोर्ट ने इस पर केंद्र को नोटिस भेज कर जवाब मांगा है कि बजट की स्थिति क्या है और निमार्ण काम कब तक शुरु होगा।
बतातें चलें की इस मामलें की सुनवाई जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की बेंच ने की जहां अब इस मामलें पर अगली सुनवाई 6 जून के बाद होनी है।