
जबलपुर नगर निगम की साधारण सभा की मंगलवार को आयोजित बैठक उस समय हंगामेदार हो गई, जब नेता प्रतिपक्ष अमरीश मिश्रा ने शौचालय निर्माण में बड़े पैमाने पर घोटाले का आरोप लगाया। सदन में शोर-शराबे और बहस के बीच यह मामला छाया रहा, जिसके चलते बैठक को गुरुवार 12 जून तक स्थगित करना पड़ा।
शुरुआत श्रद्धांजलि से, अंत विवाद से
नगर निगम के पंडित भवानी प्रसाद सभाकक्ष में हुई इस बैठक की शुरुआत देश और नगर से जुड़े दिवंगत व्यक्तियों—पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, पत्रकार महेश महदेले, पार्षद जितेंद्र कटारे की नानी, और पार्षद राहुल साहू के पिता—को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि देने से हुई। लेकिन कुछ ही समय बाद बैठक का माहौल बदल गया।
शौचालय घोटाले का आरोप, सदन में मचा हड़कंप
नेता प्रतिपक्ष अमरीश मिश्रा ने सदन में आरोप लगाया कि स्वच्छता मिशन के तहत बने अधिकांश शौचालय सिर्फ कागजों पर मौजूद हैं। उन्होंने बताया कि करोड़ों रुपये का घोटाला हुआ है और जिन लोगों के नाम पर शौचालय दिखाए गए, उनके नाम और मोबाइल नंबर फर्जी पाए गए हैं। इस पर भाजपा पार्षद कमलेश अग्रवाल और जल प्रभारी दामोदर सोनी ने कहा कि यदि शिकायत सही पाई गई, तो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
18 प्रस्ताव पारित, लेकिन जुर्माने पर बहस
बैठक में कुल 18 प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किए गए। इनमें प्रमुख रूप से रविशंकर शंकर शुक्ल स्टेडियम मार्केट की दुकानों का किराया बढ़ाने, स्वच्छता एवं ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, धार्मिक स्थलों के मार्गों के नामकरण, और सड़क चौड़ीकरण हेतु भूमिअधिग्रहण मुआवजा शामिल रहे।

हालांकि, सार्वजनिक स्थानों पर गंदगी फैलाने पर ₹50,000 से ₹1 लाख तक का जुर्माना लगाने के प्रस्ताव पर विपक्ष ने कड़ी आपत्ति जताई। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जब डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन ठप है, तो नागरिकों को मजबूरी में कचरा बाहर फेंकना पड़ता है। ऐसे में जुर्माना लगाना अन्याय होगा। इस पर जल प्रभारी ने स्पष्टीकरण देकर प्रस्ताव को आगे बढ़ाया।
नालों की सफाई और मशीनों की कमी पर भी सवाल
वहीं, नालों की सफाई के लिए सिर्फ 2 सुपर सकर मशीनों की उपलब्धता पर भी चिंता जताई गई। पार्षद आयोध्या तिवारी ने सुझाव दिया कि कम से कम 8 मशीनें तो होनी ही चाहिए, ताकि 16 जोनों में सफाई का कार्य सुचारु रूप से हो सके।
बैठक से बाहर जनता का गुस्सा, महापौर को छोड़नी पड़ी चर्चा
सदन के बाहर हालात और भी गर्म थे। डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण करने वाले कर्मचारी पिछले तीन महीनों से वेतन न मिलने के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। वहीं, मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों के नागरिकों ने जल संकट को लेकर नगर निगम परिसर में प्रदर्शन किया।
स्थिति तब और तनावपूर्ण हो गई जब नागरिकों के समर्थन में कुछ पार्षद बैठक बीच में छोड़कर बाहर आ गए। अंततः महापौर जगत बहादुर सिंह ‘अन्नू’ को भी बैठक स्थगित कर प्रदर्शनकारियों से मिलने आना पड़ा। उन्होंने जनता को समस्याओं के शीघ्र समाधान का आश्वासन दिया।
एजेंसी पर सफाईकर्मियों का आरोप, भुगतान की मांग
सफाई कर्मचारियों ने सफाई कार्य देख रही बाबा बर्फानी एजेंसी पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना था कि उन्हें तीन महीने से वेतन नहीं मिला, जिससे वे कर्ज में डूब गए हैं। महापौर ने सफाईकर्मियों को तीन दिन के भीतर भुगतान कराने का आश्वासन दिया।
आगे की बैठक में होंगे जल संकट और कचरा प्रबंधन पर विशेष विमर्श
नगर निगम की यह बैठक अब गुरुवार 12 जून तक स्थगित कर दी गई है, जिसमें डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण और शहर में गहराते जल संकट पर विशेष चर्चा प्रस्तावित है। इस बार की बैठक ने साफ कर दिया है कि नगर निगम को अब बुनियादी सेवाओं और जन अपेक्षाओं पर गंभीरता से काम करना होगा।