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संगठन ढह रहा या नया बन रहा? जबलपुर में कांग्रेस की सर्जरी शुरू! संगठन सृजन अभियान की शुरुआत, गुरदीप सिंह सप्पल ने संभाली कमान

वर्तमान में जबलपुर नगर कांग्रेस संगठन की स्थिति बेहद कमजोर मानी जा रही है। केवल नगर अध्यक्ष की नियुक्ति है, जबकि कार्यकारिणी और ब्लॉक अध्यक्षों के अधिकांश पद खाली हैं। कई ब्लॉकों में तो कांग्रेस का कोई अध्यक्ष ही नहीं है, जिससे जमीनी कार्यकर्ताओं के साथ समन्वय और संगठन की सक्रियता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।

अब कांग्रेस पार्टी नेतृत्व रायशुमारी के आधार पर अध्यक्षों की नियुक्ति की रणनीति अपना रहा है, जिससे कार्यकर्ताओं को वास्तविक जिम्मेदारी और नेतृत्व का अवसर मिल सके।

गुजरात में मिली सफलता के बाद कांग्रेस अब मध्यप्रदेश में संगठन सृजन अभियान को तेज़ी से आगे बढ़ा रही है। इसी रणनीति के तहत जबलपुर पहुंचे केंद्रीय पर्यवेक्षक गुरदीप सिंह सप्पल ने रविवार से विधानसभा स्तर पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं की रायशुमारी की प्रक्रिया शुरू की। इस अभियान के जरिए पार्टी संगठन को फिर से सशक्त और प्रभावी बनाने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं।

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रायशुमारी की बैठकों में उमड़ी कार्यकर्ताओं की भीड़

रविवार को पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं की बैठक भनोत हाउस में आयोजित की गई, इसके बाद कैंट विधानसभा के लिए जेके सेलिब्रेशन, सदर में और शाम 6 बजे उत्तर-मध्य विधानसभा के लिए अग्रवाल धर्मशाला, बल्देवबाग में बैठक हुई।

आज सोमवार, दोपहर 12 बजे पूर्व विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं के साथ बाई का बगीचा में संवाद कार्यक्रम प्रस्तावित है।

बैठकों में कई वरिष्ठ कांग्रेस नेता उपस्थित रहे, जिनमें शामिल थे:

  • अजय सिंह ‘राहुल’, वरिष्ठ नेता
  • आर.के. दोगने, जिला कांग्रेस प्रभारी
  • लखन घनघोरिया, विधायक
  • तरुण भनोत, पूर्व मंत्री
  • पुष्पराज सिंह, विधायक
  • सौरभ ‘नाटी’ शर्मा, नगर कांग्रेस अध्यक्ष
  • विनय सक्सेना, संजय यादव, दिनेश यादव, रमेश चौधरी, अभिषेक ‘चिंटू’ चौकसे सहित अन्य नेता

गुटबाज़ी और असंतोष खुलकर आया सामने

रविवार की बैठकों के दौरान कई कार्यकर्ताओं ने अपनी नाराज़गी खुलकर जताई। कुछ ने नेताओं पर यह आरोप लगाए कि वे निष्ठावान कार्यकर्ताओं की उपेक्षा करते हैं और केवल अपने चहेतों को तवज्जो देते हैं।

यहाँ तक कहा गया कि संगठन में गुटबाज़ी का स्तर गैंगवार जैसी स्थिति तक पहुंच चुका है, जिससे नए और पुराने कार्यकर्ता दोनों असहज महसूस कर रहे हैं। एक गुट से जुड़ने पर दूसरे गुट से प्रहार झेलना पड़ता है, जो कि संगठनात्मक एकता के लिए घातक है।


सप्पल बोले: बदलाव ज़रूरी, जल्द दिखेगा असर

गुरदीप सिंह सप्पल ने पत्रकारों से बातचीत में कहा:

“यह केवल सांगठनिक पुनर्गठन नहीं, बल्कि कांग्रेस के भीतर असंतोष, अव्यवस्था और गुटबाज़ी को समाप्त करने की रणनीति है। कार्यकर्ताओं की भागीदारी से ही हम संगठन को मज़बूत बना सकते हैं। बहुत जल्द ज़मीन पर इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे।”

उन्होंने यह भी संकेत दिया कि आगामी दिनों में शहर और जिला कांग्रेस संगठन में व्यापक फेरबदल हो सकते हैं, और कार्यकर्ताओं की राय के आधार पर ही नियुक्तियाँ की जाएंगी।


निष्कर्ष:
जबलपुर में कांग्रेस का संगठन सृजन अभियान एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है। यदि पार्टी कार्यकर्ताओं की नाराज़गी को सही ढंग से समझकर समाधान निकाला गया तो यह कांग्रेस के लिए संगठनात्मक रूप से एक नया अध्याय साबित हो सकता है।

Jabalpur Baz

बाज़ मीडिया जबलपुर डेस्क 'जबलपुर बाज़' आपको जबलपुर से जुडी हर ज़रूरी खबर पहुँचाने के लिए समर्पित है.
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