ई-रिक्शा से स्कूली बच्चों के परिवहन पर पूर्ण प्रतिबंध। जबलपुर कलेक्टर का बड़ा फैसला।बच्चों की सुरक्षा को लेकर सख्त आदेश जारी

स्कूली बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए जबलपुर जिला प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने एक अहम आदेश जारी करते हुए ई-रिक्शा से स्कूली बच्चों के परिवहन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है। यह आदेश तुरंत प्रभाव से लागू कर दिया गया है और इसके उल्लंघन पर संबंधित स्कूल प्रबंधन, ई-रिक्शा चालक एवं संचालकों पर सख्त कानूनी कार्यवाही की चेतावनी दी गई है।
जारी आदेश में कलेक्टर ने स्पष्ट किया है कि यह फैसला माननीय उच्चतम न्यायालय के दिशा-निर्देशों तथा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के अंतर्गत लिया गया है। कलेक्टर द्वारा जारीआदेश में कहा गया है कि सड़क सुरक्षा समिति, जिला प्रशासन और पुलिस विभाग की रिपोर्ट्स में यह पाया गया कि ई-रिक्शा में स्कूली बच्चों को तय क्षमता से कई गुना अधिक बैठाया जा रहा है। इससे उनकी जान को गंभीर खतरा है।
प्रशासन की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि ई-रिक्शा में बैठने की सीमित क्षमता होती है, इसके बावजूद 8-10 बच्चों को बैठाया जाता है। अधिक भार और असंतुलन से ई-रिक्शा के पलटने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। कई ई-रिक्शा बिना पंजीयन या फिटनेस प्रमाण पत्र के संचालित हो रहे हैं। दुर्घटना की स्थिति में बच्चों की जान को गंभीर खतरा है और अधिकांश मामलों में ई-रिक्शा में सुरक्षा से जुड़े कोई उपाय नहीं होते।
कलेक्टर ने कहा कि छोटे बच्चों के लिए सुरक्षित परिवहन व्यवस्था अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने स्कूल प्रबंधन से अपील की है कि वे ई-रिक्शा से बच्चों को लाने-ले जाने की सुविधा तुरंत बंद करें और परिवहन के लिए वैध, सुरक्षित और लाइसेंसशुदा वाहनों का ही प्रयोग करें। साथ ही, स्कूल प्रबंधन से कहा गया है कि वे अभिभावकों को भी इस आदेश की जानकारी दें।
जिला प्रशासन ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे इस आदेश का पूर्ण रूप से पालन करें और अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए केवल मान्यता प्राप्त परिवहन व्यवस्था का ही प्रयोग करें। यदि किसी क्षेत्र में आदेश का उल्लंघन होता है तो तत्काल संबंधित पुलिस थाने या जिला प्रशासन को सूचना दें।