
खानकाह शरीफ से बगदाद शरीफ के मुकद्दस सफर पर रवाना होने से पहले हज़रत इम्तियाज़ुल क़ादरी क़ासमी साहब ने अहले जबलपुर और अपने मुरीदीन, मुहिब्बीन और अक़ीदतमंदों से खिताब किया। इस मौके पर हज़रत ने गौसुल आज़म दस्तगीर रहमतुल्लाह अलैह की तालीमात और औलिया ए किराम की अजमत पर रौशनी डाली और रूहानी पैगाम दिया।
हज़रत ने खिताब में फरमाया..
“गौसुल आज़म रहमतुल्लाह अलैह का सच्चा मानने वाला कभी झूठ नहीं बोल सकता, चोरी नहीं कर सकता और किसी भी फहश काम और बदकारी से दूर रहता है। जो इंसान गौस ए आज़म का सच्चा मुरीद है, वह अपने जीवन के हर फैसले शरीअत की रौशनी में करता है और हज़रत नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की सुन्नतों पर अमल करता है।”
हज़रत ने सभी अक़ीदतमंदों से अपील की “हमें अपने दिलों में यह अहद करना चाहिए कि हम गौस पाक (रह) के दिखाए हुए रास्ते पर चलेंगे, उनकी तालीमात को हम अपनी जिंदगी में उतारेंगे, उनके पैगाम का आम करेंगे।” उन्होंने कहा कि जब हमारी जिंदगी औलिया ए किराम की तालीमात के मुताबिक और हमारे लब बुजुर्गाने ए दीन अजमत के बयान से तर रहेंगे, तब ही हम सच्चे आशिक ए औलिया बनेंगे.
जबलपुर। ग्यारहवीं शरीफ़ का मुबारक महीना शुरू होते ही जबलपुर से एक रूहानी काफ़िला बगदाद शरीफ़ के लिए रवाना हुआ। यह वही महीना है जो हज़रत शेख अब्दुल क़ादिर जीलानी रहमतुल्लाह अलैह (गौसुल आज़म दस्तगीर) की याद में दुनिया भर के मुसलमान अकीदत के साथ मनाते हैं।
अहले-जबलपुर को गौसुल आज़म की तालीमात और सिलसिले का दर्स देने वाले हज़रत कासिमे नेमत अलैहिर्रहमां के जानशीन और सज्जादा नशीन व क़ाज़ी-ए-शरअ जिला जबलपुर हज़रत अल्लामा मुहम्मद इम्तियाज़ुल क़ादरी क़ासमी साहब की क़यादत में यह काफ़िला रवाना हुआ। उनके साथ हज़रत मुफ़्ती हिफजुर्रहमान कासमी, हज़रत जमालुर्रहमान कासमी, नेमत अली कासमी और अहमद रज़ा क़ासमी सहित कई जायरीन भी शामिल हुए।

हज़रत मुफ़्ती-ए-आज़म और उनका काफ़िला जबलपुर से रेल द्वारा मुंबई रवाना हुआ, जहाँ से सभी जायरीन हवाई जहाज़ के ज़रिए बगदाद शरीफ़ के लिए तशरीफ़ ले जाएंगे।
अक़ीदतमंदों का इस्तक़बाल
रवाना होने से पहले बड़ी तादाद में मुरीदीन, मुहिब्बीन और अक़ीदतमंद रेलवे स्टेशन पहुँचे। उन्होंने फूल-मालाओं से इस्तक़बाल किया और अपनी-अपनी मुरादें लेकर हज़रत से गुज़ारिश की कि उन्हें गौस पाक के दरबार में पेश किया जाए। इस मौके पर माहौल रूहानी और जज़्बाती हो गया।
ज़ियारत और दुआएं
बगदाद शरीफ़ पहुँचकर हज़रत इम्तियाज़ुल क़ादरी साहब गौसुल आज़म की दरगाह पर हाजिरी देंगे और जायरीन व अक़ीदतमंदों की ओर से अर्ज़ियाँ पेश करेंगे। इसके अलावा वे करबला, नजफ़ और अन्य मुकद्दस मक़ामात की ज़ियारत भी करेंगे।
अमन व तरक्क़ी की दुआ
रवाना होने से पहले रेलवे स्टेशन पर हज़रत ने कहा कि उनकी दुआएँ सिर्फ जबलपुर तक सीमित नहीं रहेंगी, बल्कि पूरे प्रदेश और मुल्क की अमन-चैन, खुशहाली और तरक्क़ी के लिए होंगी।
इस मौके पर मौजूद अक़ीदतमंदों ने कहा कि हज़रत की बगदाद शरीफ़ रवानी पूरे शहर और मुल्क के लिए रहमत और बरकत का पैग़ाम है।