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वे 145 दिन… जब मैंने हर मिलने वाले से कुछ न कुछ सीखा, राहुल ने भारत जोड़ो यात्रा को लेकर अपनी यादें साझा कीं

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा को लेकर अपनी यादें साझा की। उन्होंने पोस्ट कर लिखा, भारत जोड़ो यात्रा ने मुझे मौन की खूबसूरती सिखाई। जयकारे लगाती भीड़ और नारों के बीच, मैंने शोर को अनदेखा करके अपने करीब चल रहे व्यक्ति पर पूरा ध्यान केंद्रित करने और वास्तविकता सुनने की शक्ति हासिल की।

उन्होंने लिखा, उन 145 दिनों में और उसके बाद के दो सालों में, मैंने अलग-अलग पृष्ठभूमि से आए हजारों भारतीयों को सुना है। हर आवाज में ज्ञान छिपा है, मुझे कुछ नया सिखाया है और हर आवाज ने हमारी प्यारी भारत माता का प्रतिनिधित्व किया है। राहुल गांधी ने लिखा, इस यात्रा ने साबित कर दिया कि भारतीय लोग स्वाभाविक रूप से प्रेमपूर्ण होते हैं।

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राहुल गांधी ने पोस्ट कर बताया कि मैंने यह यात्रा शुरू की थी, तब मैंने कहा था कि प्रेम घृणा को जीतेगा और आशा भय को परास्त करेगी, आज भी हमारा मिशन सुनिश्चित करना कि भारत माता की आवाज, प्रेम की आवाज हमारे प्यारे देश के हर कोने में सुनी जाए।

बता दें कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा सितंबर 2022 में कन्याकुमारी से शुरू हुई थी और 4000 किलोमीटर का सफर तय कर कश्मीर पहुंची थी। दूसरी यात्रा ठीक एक साल पहले जनवरी से शुरू हुई थी और मार्च 2024 तक चली थी। इसके तहत उन्होंने मणिपुर से महाराष्ट्र तक करीब 6200 किलोमीटर की यात्रा की। लोगों का मानना ​​है कि भारत जोड़ो यात्रा ने राहुल गांधी की राजनीतिक छवि को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाई है। हालांकि, जब भारत जोड़ो यात्रा शुरू की गई थी, तब लोग यात्रा को गंभीरता से नहीं ले रहे थे। यात्रा में राहुल गांधी ने बेरोजगारी, किसानों की समस्या, अर्थव्यवस्था की धीमी गति, भ्रष्टाचार और शासन व्यवस्था के मुद्दे उठाए।

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