
बाज मीडिया, सेंट्रल डिविजन, जबलपुर — रानी दुर्गावती (लेडी एल्गिन) अस्पताल में वेतन संकट गहराता जा रहा है। बीते चार माह से वेतन न मिलने से नाराज़ आउटसोर्स कर्मचारियों ने आखिरकार अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। बुधवार से अस्पताल के सफाईकर्मी, वार्ड ब्वॉय, अटेंडर, सिक्योरिटी गार्ड और अन्य स्टाफ ने सामूहिक रूप से काम बंद कर विरोध जताया, जिससे अस्पताल की व्यवस्थाएं चरमरा गई हैं।
ठेकेदार पर वेतन रोकने का आरोप
कर्मचारियों ने अस्पताल अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर बताया कि वे प्रकाश सिक्योरिटी गार्ड एंड वर्क्स कॉन्ट्रेक्टर के माध्यम से काम कर रहे हैं, लेकिन जून से सितंबर तक का वेतन अब तक नहीं मिला। कर्मचारियों का कहना है कि रोजाना ड्यूटी देने के बावजूद उन्हें मेहनताना न मिलना उनके परिवारों के लिए गंभीर आर्थिक संकट का कारण बन गया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि कई बार एजेंसी और अस्पताल प्रशासन को समस्या से अवगत कराने के बावजूद कोई समाधान नहीं किया गया। मजबूर होकर अब वे हड़ताल पर उतर आए हैं।
“वेतन नहीं तो काम नहीं” — कर्मचारियों का ऐलान
हड़ताल पर गए कर्मचारियों ने स्पष्ट कहा है कि जब तक बकाया वेतन नहीं दिया जाता, तब तक वे काम पर नहीं लौटेंगे। उनका कहना है कि अगर अस्पताल का कामकाज ठप होता है तो उसकी जिम्मेदारी ठेकेदार और प्रशासन की होगी, कर्मचारियों की नहीं।
अस्पताल में अव्यवस्था, मरीज़ों को हो रही परेशानी
लेडी एल्गिन अस्पताल में रोजाना सैकड़ों मरीज़ इलाज के लिए आते हैं। हड़ताल के कारण सफाई व्यवस्था ठप, वार्डों में अव्यवस्था और रोजमर्रा के काम प्रभावित होने लगे हैं। मरीजों और उनके परिजनों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
प्रशासन हरकत में, ठेकेदार से मांगा जवाब
सूत्रों के मुताबिक, अस्पताल अधीक्षक ने पूरे मामले की रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकारियों को भेज दी है और ठेकेदार कंपनी से जवाब तलब किया गया है। फिलहाल यह देखना बाकी है कि प्रशासन हड़ताल खत्म कराने और कर्मचारियों के वेतन भुगतान के लिए कितनी तेजी से कदम उठाता है।
दिवाली से पहले हड़ताल ने स्वास्थ्य सेवाओं पर संकट के बादल मंडरा दिए हैं — अगर जल्द समाधान नहीं हुआ तो अस्पताल की स्थिति और बिगड़ सकती है।



