
बाज मीडिया, सेंट्रल डिविजन, जबलपुर — रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय (रादुविवि) के शैक्षणोत्तर कर्मचारी संघ में इस समय असंतोष और खींचतान का माहौल है। संघ के एक बड़े वर्ग ने वर्तमान अध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह पटेल के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की औपचारिक पहल कर दी है। इस संबंध में 216 कर्मचारियों द्वारा हस्ताक्षरित एक पत्र 13 अक्टूबर 2025 को विश्वविद्यालय के कुलगुरु एवं संघ संरक्षक को सौंपा गया है।
संघ के अंदर बढ़ते मतभेद
संघ के उपाध्यक्ष प्रेम प्रकाश पुरोहित, सह-उपाध्यक्ष वीरेन्द्र कुमार तिवारी एवं महासचिव राजेन्द्र प्रसाद शुक्ल ने संयुक्त रूप से बताया कि संघ सदस्यों द्वारा प्रस्तुत पत्र में अध्यक्ष के कार्यों को लेकर असंतोष जताते हुए संविधान की धारा 19 के तहत अविश्वास प्रस्ताव लाने का निर्णय लिया गया है।
पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि सूचना मिलने के सात दिनों के भीतर, अर्थात 21 अक्टूबर 2025 से पूर्व, संघ की आमसभा आयोजित की जाएगी। इस बैठक में अध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पर गुप्त मतदान के माध्यम से निर्णय लिया जाएगा।
कुलगुरु से निष्पक्षता सुनिश्चित करने की अपील
कर्मचारियों ने मांग की है कि प्रस्ताव की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी एवं निष्पक्ष रहे, इसके लिए कुलगुरु से आग्रह किया गया है कि आगामी आमसभा के संचालन हेतु निर्वाचन अधिकारी की नियुक्ति की जाए। इससे मतदान और निर्णय प्रक्रिया पर किसी प्रकार का विवाद न रहे।
विश्वविद्यालय परिसर में चर्चाओं का दौर
रादुविवि परिसर में यह घटनाक्रम चर्चा का विषय बना हुआ है। कर्मचारी संघ के भीतर लंबे समय से चल रहे मतभेद अब खुलकर सामने आ गए हैं। कई कर्मचारी इस पूरे विवाद को संघ नेतृत्व की कार्यशैली से जोड़कर देख रहे हैं, वहीं कुछ लोग इसे आगामी संघ चुनावों की रणनीति का हिस्सा भी मान रहे हैं।
अब सबकी निगाहें कुलगुरु कार्यालय की ओर टिकी हैं कि वे इस पत्र पर क्या निर्णय लेते हैं — क्या वे तुरंत आमसभा बुलाने के निर्देश देंगे या पहले शिकायतों की जांच कराएंगे।
कुल मिलाकर, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय का यह मामला न केवल कर्मचारी संघ की दिशा तय करेगा, बल्कि आने वाले दिनों में संघ राजनीति का स्वरूप भी बदल सकता है।



