
जबलपुर जोन के छह जिलों में पुलिस द्वारा जब्त किए गए नशीले पदार्थों का विनष्टिकरण किया गया। सीमेंट की फैक्ट्री कैमोर में आयोजित इस नष्टिकरण प्रक्रिया में गांजा, स्मैक और नशीले इंजेक्शनों को कोर्ट की स्वीकृति और पुलिस महानिरीक्षक अनिल कुशवाह के आदेश पर नष्ट किया गया।
यह कार्यवाही जबलपुर, कटनी, नरसिंहपुर, सिवनी, छिंदवाड़ा और पाढुर्ना जिलों के पुलिस थानों में दर्ज एनडीपीएस (नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस) मामलों से जुड़े पदार्थों पर की गई। कुल 4,763 किलो गांजा, 812 ग्राम स्मैक और 68,619 नशीले इंजेक्शनों को कैमोर स्थित एसीसी फैक्ट्री में नष्ट किया गया।
इस अवसर पर आईजी अनिल सिंह कुशवाह, डीआईजी जबलपुर रेंज अतुल सिंह, डीआईजी छिंदवाड़ा रेंज सचिन अतुलकर, एसपी जबलपुर सम्पत उपाध्याय, एसपी कटनी अभिजीत रंजन, एसपी नरसिंहपुर मृगाखी डेका सहित अन्य जिलों के एसपी भी मौजूद रहे।

सूत्रों के मुताबिक, जिन मामलों में नशीले पदार्थ नष्ट किए गए हैं, उनके लैब रिपोर्ट और मात्रा का विवरण कोर्ट में दर्ज किया गया है। जबलपुर जिले के 57 एनडीपीएस मामलों में 1,229 किलो गांजा और 457 ग्राम स्मैक को कैमोर फैक्ट्री भेजा गया था। कटनी जिले के 25 मामलों में 342 किलो गांजा, नरसिंहपुर के 54 मामलों में 165 किलो गांजा और 355 ग्राम स्मैक, छिंदवाड़ा के 35 मामलों में 154 किलो गांजा, सिवनी के एक मामले में 301 किलो गांजा और पाढुर्ना जिले के दो मामलों में 630 किलो गांजा को नष्ट किया गया।
इस नष्टिकरण प्रक्रिया में जबलपुर जोन के सबसे बड़े मामलों में से एक में 1,027 किलो गांजा (जबलपुर) और 1,540 किलो गांजा (कटनी) का विनष्टिकरण किया गया।
नशा माफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए, आईजी अनिल कुशवाह ने सभी पुलिस अधीक्षकों को नशे के अवैध कारोबार के खिलाफ सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए थे। इस दौरान पुलिस ने गांजा, स्मैक और कच्ची शराब की तस्करी करने वाले कई आरोपियों को गिरफ्तार किया और भारी मात्रा में मादक पदार्थ जप्त किए।