हिजबुल्लाह ने खुद दिया 40 दिन की ज़मीनी जंग का अपडेट: लेबनॉन के एक एक गाँव से भगाये गए इसरायली सैनिक
बुधवार रात, सय्यद हसन नसरुल्लाह की शहादत के 40वें दिन, लेबनान के इस्लामिक रेजिस्टेंस ऑपरेशन्स रूम ने एक बयान जारी किया। इस बयान में ऑपरेशन “पीपल ऑफ माइट” की ताजे हालात और खैबर ऑपरेशन्स की सीरीज की प्रगति के बारे में जानकारी दी गई।
बयान में रेजिस्टेंस ने एक बार फिर यह बताया कि वो इसरायली आक्रमण के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे और दुश्मन को हर मोर्चे पर भारी नुकसान पहुंचाएंगे। यह संदेश लेबनान से लेकर फ़िलस्तीन के कब्जे वाले इलाकों तक हर जगह भेजा गया।
जमीनी लड़ाई: 8 अक्टूबर को इस्राइली बलों ने अल-खियाम की ओर बढ़ना शुरू किया और वहां सैनिकों और वाहनों को तैनात किया। इसके साथ ही इजरायली हवाई निगरानी भी चल रही थी। रेजिस्टेंस ने दुश्मन की आक्रामकता को देखकर सटीक मिसाइल और तोपों से हमला करने की योजना बनाई। तीन दिन तक लगातार 70 से ज़्यादा लक्षित हमले किए गए, जिनमें से 50 हमले लेबनान के दक्षिणी और पूर्वी इलाकों में हुए।
इन हमलों में 4 इस्राइली टैंक नष्ट किए गए और एक मिसाइल से मेटुला नामक बस्ती में एक सैन्य ठिकाने पर हमला किया गया, जिसमें कई इस्राइली सैनिक मारे गए या घायल हुए। रेजिस्टेंस ने वादी-अल-असाफिर क्षेत्र में दुश्मन के सैनिकों और वाहनों पर बड़े पैमाने पर सटीक मिसाइल हमले किए, जिनमें 250 किलो वजन वाले विस्फोटक से भरे मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया, जिससे दुश्मन की पंक्तियों में भारी अराजकता फैल गई।
इसके अलावा, रेजिस्टेंस ने इजरायली सैन्य ठिकानों पर कई अन्य हमले किए, जिनमें आयलेट हाशाहर, येसुद हमाला, शा’ल और शामिर जैसे ठिकाने शामिल थे।
2 नवंबर को हुई बड़ी घटना: 2 नवंबर को, जब इस्राइली सेना ने होला गांव की ओर बढ़ने की कोशिश की, तो रेजिस्टेंस ने एक बड़ा काफिला देखा, जिसमें 40 सैन्य वाहन और दो बुलडोज़र शामिल थे। रेजिस्टेंस ने इन बुलडोज़रों को Kornet एंटी-टैंक मिसाइलों से नष्ट कर दिया, जिससे दुश्मन को भारी नुकसान हुआ। इसके बाद रेजिस्टेंस ने तीन रॉकेट सल्वो फेंके, जिनमें 60 से ज्यादा रॉकेट थे, जिससे इस्राइली सेना को और ज्यादा नुकसान हुआ और उन्हें पीछे हटना पड़ा।
खैबर ऑपरेशन्स की प्रगति: खैबर ऑपरेशन्स की सीरीज 1 अक्टूबर से शुरू हुई थी और यह लगातार बढ़ रही है। रेजिस्टेंस ने फिलस्तीन के कब्जे वाले इलाकों में 145 किलोमीटर तक गहरी छापेमारी की है। इस ऑपरेशन में मिसाइलों और ड्रोन का इस्तेमाल किया गया है, जिनसे इजरायली सैन्य ठिकानों को भारी नुकसान हुआ है।
अब तक खैबर ऑपरेशन्स के तहत 56 लक्ष्यों पर हमले किए जा चुके हैं, जिनमें से 18 हमले पिछले हफ्ते किए गए थे। इन हमलों ने न केवल सैन्य नुकसान पहुंचाया है, बल्कि इजरायली बस्तियों में रहने वाले 2 मिलियन से ज्यादा लोगों को शेल्टर में छिपने के लिए मजबूर कर दिया है। रेजिस्टेंस की यह रणनीति अब तक बहुत सफल रही है और इजरायली सेना को बड़ा मानसिक और सामरिक नुकसान हुआ है।