डोनाल्ड ट्रंप के डर से इजरायल पर हमला नहीं कर रहा ईरान, जानें शिया देश की चिंताओं की वजह
तेहरान। ईरान और इजराइल के बीच तनाव दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है, और ईरान ने बार-बार यह चेतावनी दी कि वह इजरायल पर हमला करेगा, लेकिन अब तक कोई बड़ा सैन्य कार्रवाई नहीं हुई है। सूत्रों के मुताबिक, ईरान इस समय हमला करने से परहेज कर रहा है, और इसके पीछे एक बड़ी वजह अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का डर है।
ट्रंप की वापसी से ईरान को यह चिंता सता रही है कि उनका रुख तेहरान के खिलाफ और भी कड़ा हो सकता है। ट्रंप के कार्यकाल में ही ईरान पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए गए थे, और अगर वह फिर से राष्ट्रपति बने, तो ईरान को आर्थिक और सैन्य दबाव में और इजाफा हो सकता है। इस भय के चलते ईरान अब सीधे सैन्य संघर्ष से बचने की रणनीति अपना रहा है और इसके बजाय अपने सहयोगी देशों और प्रॉक्सी समूहों के माध्यम से इजराइल पर दबाव बनाए रख रहा है।
ईरान की यह रणनीति सैन्य और कूटनीतिक दृष्टिकोण से जटिल है। अप्रैल और अक्टूबर 2023 में ईरान ने इजराइल पर बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया था, जिसके बाद इजराइल ने ईरान के सैन्य ठिकानों और शिया मिसाइल सुविधाओं पर जवाबी हमले किए थे। इसके बाद ईरान ने इजराइल को हमले की धमकी दी थी, लेकिन अभी तक युद्ध की स्थिति नहीं बनी है।
फिलहाल स्थिति शांत
हालांकि, इराक, सीरिया और यमन से ड्रोन हमलों की अफवाहें उठी हैं, लेकिन वर्तमान में स्थिति शांत बनी हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि ईरान अब अपनी सैन्य रणनीति में बदलाव ला चुका है और वह प्रॉक्सी समूहों के माध्यम से अपने हमले अंजाम देने की कोशिश कर रहा है। हिजबुल्लाह, जो ईरान का प्रमुख सहयोगी है, इजराइल पर रॉकेट हमले तेज कर चुका है, वहीं इराकी मिलिशिया भी लगातार धमकियां दे रहे हैं।
ईरान की यह रणनीति सीधे युद्ध से बचने के लिए है, विशेष रूप से डोनाल्ड ट्रंप के संभावित पुनरागमन को लेकर उनकी चिंता को ध्यान में रखते हुए।