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गाज़ा के नरसंहार की दर्दनाक सच्चाई: हमास नेता ने इज़राइल के हिंसक एजेंडे को किया उजागर!

हमास के वरिष्ठ अधिकारी ओसामा हमदान ने हाल ही में गाज़ा में जारी इज़राइली हमलों के खिलाफ फिलिस्तीनी संघर्ष को एक “अजम की दास्तान बताया ” और कहा कि फिलिस्तीनी लोग इज़राइल के हमलों का डटकर सामना कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जब भी युद्धविराम समझौते में नाकामी होती है, तो इसका कारण इज़राइल द्वारा इन समझौतों में रुकावट डालना है।

इज़राइल द्वारा हिंसा और उत्पीड़न की निंदा

रविवार को अरब मीडिया से बात करते हुए हमदान ने इज़राइली कब्जे की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि इज़राइल और उसके सहयोगी देशों, खासकर संयुक्त राज्य अमेरिका, मिलकर फिलिस्तीनियों के खिलाफ कत्लेआम कर रहे हैं। हमदान ने आरोप लगाया कि इज़राइल गाज़ा के उत्तर में भूख को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहा है। यह एक जानबूझकर बनाई गई बर्बर “जनरल्स की योजना” का हिस्सा है, जिससे यह साबित होता है कि इज़राइली कब्जा नाजी जर्मनी की तरह क्रूर है।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप की अपील

हमदान ने हाल ही में अम्सटरडम में हुई हिंसा का उदाहरण देते हुए चेतावनी दी कि अगर गाज़ा में हो रहे नरसंहार और विनाश को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने हस्तक्षेप नहीं किया, तो ऐसी घटनाएँ पूरी दुनिया में फैल सकती हैं। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से गाज़ा में हो रही हिंसा को रोकने के लिए एकजुट होकर कदम उठाने की अपील की।

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अरब-इस्लामी शिखर सम्मेलन से उम्मीदें

हमदान ने अगले सप्ताह होने वाले अरब-इस्लामी शिखर सम्मेलन से भी उम्मीदें जताई हैं। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में यह मुद्दा उठाया जाना चाहिए कि फिलिस्तीन के लोगों के खिलाफ हो रही हिंसा और घेराबंदी को तुरंत रोका जाए। साथ ही, अंतरराष्ट्रीय समुदाय से यह भी सुनिश्चित किया जाए कि गाज़ा में फंसे लोगों को मानवीय सहायता पहुंचाई जा सके। हमदान ने इस सम्मेलन से यह भी अपील की कि फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र और संप्रभु राज्य के रूप में मान्यता दी जाए, जिसकी राजधानी अल-कुद्स (जेरूसलम) हो।

सऊदी अरब में आगामी शिखर सम्मेलन

सऊदी अरब के विदेश मंत्री फैसल बिन फरहान ने अरब-इस्लामी शिखर सम्मेलन की घोषणा की थी। इस सम्मेलन में इज़राइल-पलस्तीन संघर्ष का समाधान ढूंढ़ने के लिए दो-राज्य समाधान पर चर्चा की जाएगी। सऊदी मीडिया के मुताबिक, अरब और मुस्लिम देशों के नेता सऊदी अरब पहुंचने लगे हैं, जहां शिखर सम्मेलन का आयोजन होने वाला है। इस सम्मेलन का मुख्य ध्यान इज़राइल के कब्जे से प्रभावित गाज़ा और लेबनान पर रहेगा।

अमेरिकी समर्थन की आलोचना

हमदान ने गाज़ा में हो रही हिंसा में अमेरिकी सैन्य समर्थन की भी कड़ी आलोचना की। उन्होंने इसे गाज़ा में हो रहे अपराधों के लिए अमेरिका की “नैतिक और मानवीय जिम्मेदारी” बताया। हमदान ने यह भी कहा कि इज़राइल की हिंसा को लेकर पूरे मुस्लिम और अरब जगत को एकजुट होना चाहिए और इसे खत्म करने के लिए कोई ठोस कदम उठाने चाहिए।

गाज़ा में बढ़ती शहादतें

गाज़ा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 7 अक्टूबर, 2023 से लेकर अब तक इज़राइली हमलों में 43,603 लोग शहीद हो चुके हैं, और 102,929 लोग घायल हुए हैं। पिछले 24 घंटों में इज़राइली सेना ने गाज़ा में तीन और नरसंहार किए, जिनमें 51 लोग शहीद हुए और 164 लोग घायल हुए। यह आंकड़े इस बात को साबित करते हैं कि गाज़ा में स्थिति बेहद गंभीर है और फिलिस्तीनी लोगों के लिए एक ठोस अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप की आवश्यकता है।

ओसामा हमदान की टिप्पणियों से साफ है कि फिलिस्तीनी संघर्ष केवल एक राजनीतिक मुद्दा नहीं, बल्कि एक मानवीय संकट बन चुका है। इज़राइल द्वारा लगातार हमलों और भूख, दवा की कमी जैसी स्थिति पैदा करने से गाज़ा के लोग बेहद कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। हमदान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि वे इस संकट को गंभीरता से लें और फिलिस्तीनी लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाएं।

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