दुनिया की निगाहें भारत पर: विदेश मंत्री जयशंकर ने वैश्विक मुद्दों पर दी अपनी महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त अरब अमीरात का दौरा किया, जहां उन्होंने एक मीडिया कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस अवसर पर, उन्होंने भारत के लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) की लगातार तीसरी बार जीत, अमेरिका के ताजे चुनाव परिणाम, और भारत-चीन संबंधों समेत कई महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त किए।
जयशंकर ने लोकसभा चुनाव में भाजपा की तीसरी बार जीत पर टिप्पणी करते हुए कहा कि जब दुनिया भर में राजनीतिक अस्थिरता फैली हुई है, तब भारत की राजनीतिक स्थिरता एक महत्वपूर्ण उदाहरण बनकर उभरी है। उन्होंने यह भी कहा कि वैश्विक संकटों और चुनौतियों के बीच, तीसरी बार चुनाव जीतना कोई मामूली बात नहीं है। इसके अलावा, उन्होंने भारत की आर्थिक विकास दर पर भी जोर देते हुए कहा कि दुनिया की निगाहें भारत के आर्थिक उभार पर टिकी हुई हैं, क्योंकि अन्य देशों के लिए 7-8 प्रतिशत की विकास दर हासिल करना एक बड़ी चुनौती बन चुका है। विदेश मंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि इस समय व्यापारिक दृष्टिकोण से भारत एक सुनहरे अवसर का सामना कर रहा है, जहां बड़ी कंपनियां निवेश के लिए आकर्षित हो रही हैं।
अमेरिका के चुनाव परिणाम पर विदेश मंत्री की टिप्पणी
अमेरिका के हालिया राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की पुनः जीत पर, जयशंकर ने कहा कि इस चुनाव परिणाम से यह स्पष्ट हो गया है कि अमेरिका की प्राथमिकताएं अब और भी दृढ़ हो गई हैं, खासकर ट्रंप के पहले कार्यकाल में जो नीतियां लागू की गई थीं, वे अब और मजबूत होंगी। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी बताया कि अमेरिकी जनता वैश्वीकरण के प्रभाव से संतुष्ट नहीं है, और यह चुनाव परिणाम इस दिशा में एक अहम संकेत हैं।
भारत–चीन संबंधों पर विदेश मंत्री का बयान
चीन के साथ संबंधों के बारे में बात करते हुए, एस जयशंकर ने कहा कि जब भारतीय और चीनी सैनिक आमने-सामने थे, तो दोनों देशों के बीच संवाद और कूटनीतिक प्रयासों ने ही तनाव को कम करने में मदद की। उन्होंने यह भी कहा कि यह स्थिति दिखाती है कि कूटनीति और बातचीत किसी भी विवाद को हल करने का सबसे प्रभावी तरीका है।
भारत के भविष्य के लिए आवश्यक तैयारियाँ
इस कार्यक्रम में विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि भारत को भविष्य में वैश्विक कार्यस्थल के लिए खुद को तैयार करने की जरूरत है। इसके लिए, भारत को इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, इलेक्ट्रॉनिक चिप्स, स्वच्छ और हरित प्रौद्योगिकी, नवीकरणीय ऊर्जा, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और नई सड़कों के निर्माण के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए कदम उठाने होंगे। जयशंकर ने इस बात को महत्वपूर्ण बताया कि भारत को इन क्षेत्रों में तेजी से विकास और नवाचार की दिशा में काम करना होगा, ताकि देश वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगे बढ़ सके।
विदेश मंत्री एस जयशंकर का यह बयान एक संकेत है कि भारत वैश्विक मंच पर अपनी भूमिका को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है, और आने वाले समय में दुनिया के लिए एक महत्वपूर्ण आर्थिक और राजनीतिक शक्ति के रूप में उभरने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है।