
मध्य प्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री कुंवर विजय शाह एक बार फिर अपने विवादित बयान के चलते कानूनी और राजनीतिक संकट में घिरते नजर आ रहे हैं। जबलपुर हाईकोर्ट की खंडपीठ ने मंत्री शाह के हालिया बयान पर स्वत: संज्ञान लेते हुए बुधवार शाम 6 बजे तक उनके खिलाफ गंभीर आपराधिक धाराओं में एफआईआर दर्ज करने के स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं।
हाईकोर्ट की खंडपीठ, जिसमें न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन और न्यायमूर्ति अनुराधा शुक्ला शामिल हैं, ने मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर स्वत: संज्ञान लेते हुए यह निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने इस मामले में डीआईजी को तलब करते हुए उनकी उपस्थिति भी अनिवार्य कर दी है। कोर्ट में राज्य की ओर से महाधिवक्ता प्रशांत सिंह ने पक्ष रखा।
विवाद की जड़: महिला सेना अधिकारी पर अमर्यादित टिप्पणी
विवाद की शुरुआत उस समय हुई जब मंत्री विजय शाह ने महू में भारतीय सेना की वरिष्ठ अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ आपत्तिजनक बयानबाजी की। यह बयान उस समय आया जब सेना द्वारा पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर चलाए गए “ऑपरेशन सिंदूर” की प्रेस ब्रीफिंग के बाद कर्नल सोफिया चर्चा में आई थीं। मंत्री के इस बयान को न केवल विपक्ष ने बल्कि स्वयं भाजपा के शीर्ष नेताओं ने भी अस्वीकार्य माना।
जबलपुर में कांग्रेस ने किया थाने का घेराव
मंत्री विजय शाह को पार्टी कार्यालय में तलब किया गया और उन्हें फटकार भी लगी। वहीं कांग्रेस ने इस बयान को लेकर पूरे प्रदेश में प्रदर्शन किए। जबलपुर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ओमती थाने का घेराव किया और मंत्री पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की। नगर अध्यक्ष सौरभ ‘नाटी’ शर्मा के नेतृत्व में हुए इस प्रदर्शन में पार्षद अयोध्या तिवारी, अमरीष मिश्रा, गुड्डू नबी उस्मानी, अभिषेक यादव सहित कांग्रेस नेता एवं कार्यकर्ता शामिल हुए। थाने में पहले वीडियो साक्ष्य मांगे गए, लेकिन बाद में लिखित शिकायत दर्ज कर ली गई।
माफी के बावजूद नहीं थमा विवाद
मंत्री शाह ने अपने बयान पर खेद व्यक्त करते हुए कहा कि उनका उद्देश्य किसी की भावना को ठेस पहुंचाना नहीं था। हालांकि कांग्रेस ने उनकी माफी को नकारते हुए इस्तीफे की मांग की है। पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि मंत्री के बयान से न केवल सेना की गरिमा को ठेस पहुंची है, बल्कि महिलाओं के सम्मान को भी चोट लगी है।
राजनीतिक हलकों में हलचल
हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्रदेश की राजनीति में हड़कंप मच गया है। पहले से ही विवादित बयानों के लिए जाने जाने वाले विजय शाह ने पूर्व में भी कई बार सरकार को असहज स्थिति में डाला है। अब इस ताजा घटनाक्रम के बाद उनके पद पर बने रहना भी मुश्किल नजर आ रहा है।