
जबलपुर, 31 मई 2025 – जबलपुर के शहीद स्मारक, गोलबाजार में कांग्रेस द्वारा आयोजित “जय हिंद सभा” में वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने भारतीय सेना के शौर्य को सलाम करते हुए केंद्र और मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा सहित कई दिग्गज नेताओं ने सभा को संबोधित किया। इस दौरान 1971 के बांग्लादेश युद्ध में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की दृढ़ता की प्रशंसा की गई और भाजपा पर सेना के सम्मान के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया गया।
कमलनाथ ने इंदिरा गांधी को किया याद, भाजपा की चालाकी पर चेताया
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सभा में 1971 के बांग्लादेश युद्ध का जिक्र करते हुए कहा, “मैंने 1971 का युद्ध देखा है और स्वर्गीय इंदिरा गांधी की हिम्मत देखी है। उन्होंने अमेरिका के दबाव को नजरअंदाज कर मजबूत फैसले लिए थे।” जबलपुर की धरती, जहां गोली-बारूद का निर्माण होता है, वहां उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि लोगों के मन में सेना के प्रति सम्मान के भाव स्पष्ट दिखाई दे रहे हैं। हालांकि, उन्होंने चेतावनी दी कि कुछ लोग इस भावना का राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं। कमलनाथ ने कहा, “आपको इस चालाकी को समझना होगा।”

कमलनाथ ने मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, “प्रदेश में महंगाई, भ्रष्टाचार और महिलाओं पर अत्याचार बढ़ गया है। बेरोजगारी के कारण नौजवानों का भविष्य खतरे में है। नौजवानों का भविष्य बचाना सबसे बड़ी चुनौती है।”

सेना किसी एक पार्टी की नहीं: भूपेश बघेल

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, “सेना किसी एक पार्टी की नहीं, बल्कि पूरे देश की है। उनके पराक्रम पर कोई सवाल नहीं है, सवाल सरकार की मंशा और फैसलों की पारदर्शिता पर है।” उन्होंने सीजफायर की शर्तों को सार्वजनिक न करने पर सवाल उठाया और पूछा, “क्या अमेरिकी राष्ट्रपति के कहने पर भारत ने सीजफायर घोषित किया?” बघेल ने शिमला समझौते का हवाला देते हुए कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच के मुद्दों में कोई तीसरा पक्ष दखल नहीं दे सकता। उन्होंने इंदिरा गांधी का उदाहरण देते हुए कहा, “उन्होंने पाकिस्तान से लड़कर बांग्लादेश बनवाया था। आज देश की स्थिति सबके सामने है।”

विजय शाह और देवड़ा पर कार्रवाई न होना बेटियों का अपमान: जीतू पटवारी
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मध्यप्रदेश के मंत्री विजय शाह और उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा के बयानों पर कड़ा ऐतराज जताया। उन्होंने कहा, “विजय शाह और देवड़ा पर कार्रवाई न होना बेटियों और सेना का अपमान है। इनका बयान भाजपा का असली चेहरा दिखाता है।” पटवारी ने कहा कि भारतीय सेना का शौर्य विश्वविख्यात है, लेकिन भाजपा जिस तरह सेना के सम्मान का राजनीतिकरण कर रही है, वह निंदनीय है।

सेना के अपमान पर पूर्व सैनिकों का गुस्सा
रिटायर्ड मेजर जनरल श्याम श्रीवास्तव ने सभा को संबोधित करते हुए भाजपा नेताओं के बयानों पर गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, “विजय शाह ने कर्नल सोफिया को आतंकवादी की बहन कहा और उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने भी सेना का अपमान किया। सरकार की चुप्पी आश्चर्यजनक है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि सेना धर्मनिरपेक्ष होती है और जवान युद्धभूमि में अपनी जान की परवाह किए बिना लड़ते हैं। श्रीवास्तव ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने ऐसी टिप्पणियों पर कार्रवाई नहीं की, तो पूर्व सैनिक सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे।

जबलपुर का चयन सही: विवेक तन्खा
राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने कहा कि जय हिंद सभा के लिए जबलपुर का चयन ऐतिहासिक और सामरिक दृष्टि से उपयुक्त था। उन्होंने जबलपुर के रक्षा क्षेत्र और स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को रेखांकित किया। तन्खा ने सेना के आधुनिकीकरण और उसके शौर्य की प्रशंसा करते हुए कहा, “जबलपुर का रक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। सेना का पराक्रम हमारा गर्व है।”
ऑपरेशन सिंदूर पर सवाल, भाजपा पर राजनीतिकरण का आरोप
डिंडौरी विधायक ओमकार सिंह मरकाम ने “ऑपरेशन सिंदूर” के नाम पर सवाल उठाते हुए कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केवल राजनीति के लिए यह नाम रखा। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने की हिम्मत कैसे हुई?” वहीं, पूर्व सांसद नकुलनाथ ने कहा, “कांग्रेस ने कभी सेना का राजनीतिकरण नहीं किया, लेकिन भाजपा ऐसा कर रही है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।” अरुण यादव ने भारतीय सेना को विश्व की सबसे मजबूत सेना बताते हुए कहा कि इसने दुश्मनों को ही नहीं, पूरे विश्व को अपनी ताकत दिखाई है।
शौर्य स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि

सभा से पहले कांग्रेस नेताओं ने कैंट स्थित शौर्य स्मारक पर पहुंचकर देश के लिए बलिदान देने वाले शहीदों को पुष्पचक्र अर्पित किया। इस दौरान कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, भूपेश बघेल, जीतू पटवारी, विवेक तन्खा, हरीश चौधरी, उमंग सिंगार सहित कई नेता मौजूद रहे। रिटायर्ड मेजर जनरल श्याम श्रीवास्तव के साथ पूर्व विंग कमांडर अरुण पांडे, कमांडर अरुण गौतम और अन्य पूर्व सैनिकों ने भी शहीदों को नमन किया।
दिग्विजय सिंह ने दिखाई सादगी

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सभा में आम लोगों और कार्यकर्ताओं के बीच बैठना पसंद किया। विधायक लखन घनघोरिया ने उन्हें मंच पर आने का आग्रह किया, लेकिन दिग्विजय ने वरिष्ठ नागरिकों के बीच रहने को प्राथमिकता दी। गौरतलब है कि ग्वालियर के एक कार्यक्रम में उन्हें मंच पर जगह नहीं मिली थी, जिसके बाद उन्होंने मंच पर न बैठने का फैसला लिया था।

भारी भीड़, कड़ी सुरक्षा
सभा में जबलपुर और आसपास के जिलों से भारी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता पहुंचे। सुबह 11 बजे से ही ढोल-नगाड़ों और नारेबाजी के साथ कार्यकर्ता गोलबाजार पहुंचने लगे। पुलिस ने गोलबाजार की ओर जाने वाले सभी मार्गों पर बैरियर लगाकर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद की।
उपस्थित नेताओं ने दिखाया एकजुटता
सभा में पीसीसी अध्यक्ष जीतू पटवारी, राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा, अरुण यादव, कांतिलाल भूरिया, प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी, सज्जन सिंह वर्मा, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार, पूर्व विधायक संजय शर्मा, पूर्व मंत्री तरुण भनोत, विधायक लखन घनघोरिया, पूर्व विधायक विनय सक्सेना, संजय यादव, नगर अध्यक्ष सौरभ शर्मा, नीलेश जैन सहित मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के कई नेता मंचासीन रहे।