मप्र यूथ कांग्रेस का चुनाव अटका: एक महीने बाद भी नहीं जारी हुई फाइनल उम्मीदवारों की सूची
स्क्रूटनी में उलझी प्रक्रिया, 70% उम्मीदवारों पर शिकायतें, कई ब्लॉकों से नहीं आए नामांकन

भोपाल | बाज मीडिया | 11 जून 2025 | मध्यप्रदेश यूथ कांग्रेस का बहुप्रतीक्षित चुनाव एक महीने की देरी के बाद भी अधर में लटका हुआ है। तय कार्यक्रम के अनुसार 11 मई तक फाइनल उम्मीदवारों की सूची जारी होनी थी, लेकिन अब तक युवाओं को उनके नामों की घोषणा का इंतजार करना पड़ रहा है। इस देरी के पीछे प्रमुख कारण है—उम्मीदवारों की स्क्रूटनी के दौरान सामने आईं भारी शिकायतें और नियमों के सख्त प्रावधान।
कठोर नियमों ने बढ़ाई चुनाव समिति की मुश्किलें
यूथ कांग्रेस ने इस बार चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए दो महत्वपूर्ण शर्तें लागू की थीं—पहली, कोई भी आपराधिक प्रकरण वाला कार्यकर्ता चुनाव नहीं लड़ सकेगा; दूसरी, उम्मीदवारों के लिए आयु सीमा भी तय की गई थी।
इन्हीं नियमों के चलते समिति को नामांकन की छानबीन में खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। जानकारी के मुताबिक, जिला अध्यक्ष पद के लिए आए नामांकनों में से लगभग 70 प्रतिशत उम्मीदवारों पर शिकायतें दर्ज हुई हैं। ऐसे में सही उम्मीदवारों का चयन करना चुनाव समिति के लिए चुनौतीपूर्ण हो गया है।
100 से ज्यादा ब्लॉकों से नहीं आया एक भी आवेदन
चुनाव प्रक्रिया को लेकर एक और गंभीर समस्या सामने आई है कि प्रदेश के 1100 ब्लॉकों में से 100 से ज्यादा ब्लॉकों से एक भी नामांकन नहीं आया है। वहीं 700 से अधिक ब्लॉकों में सिर्फ एक-एक नामांकन ही जमा हुआ है। इन हालातों में या तो पार्टी को दोबारा आवेदन की तारीख देनी होगी या फिर सिंगल नाम वाले ब्लॉकों में बिना चुनाव कराए उम्मीदवार घोषित करने होंगे। जिन ब्लॉकों से कोई आवेदन नहीं आया है, वहां दोबारा आवेदन नहीं मंगवाए गए तो वे सीटें खाली रह जाएंगी।
ऐसी थी तय चुनाव प्रक्रिया
यूथ कांग्रेस ने अप्रैल माह में चुनाव की समय-सारणी घोषित की थी।
- 19 से 25 अप्रैल: कोऑर्डिनेटर जिलों का दौरा
- 27 अप्रैल से 6 मई: नामांकन प्रक्रिया
- 28 अप्रैल से 7 मई: आपत्तियां और सुनवाई
- 7 से 9 मई: स्क्रूटनी
- 11 मई: फाइनल कैंडिडेट्स की सूची जारी होनी थी
लेकिन आज 11 जून हो चुका है और अभी भी सूची जारी नहीं हो सकी है।
आरक्षित जिलों में भी असमंजस
इस बार कुछ जिलों को अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) वर्ग के लिए आरक्षित किया गया है। इन जिलों में सागर, देवास, जबलपुर (शहर), पांढुर्ना, गुना, बुरहानपुर और सतना शामिल हैं। लेकिन इन क्षेत्रों से भी पूरी पारदर्शिता के साथ उम्मीदवार तय नहीं हो पा रहे।
क्या बोले पार्टी पदाधिकारी?
पार्टी सूत्रों का कहना है कि “स्क्रूटनी प्रक्रिया अंतिम चरण में है और जल्द ही फाइनल सूची जारी कर दी जाएगी।” हालांकि पार्टी के कई कार्यकर्ता इस देरी से असहज हैं और आंतरिक रूप से नाराजगी भी जाहिर कर चुके हैं।