
आषाढ़ का महीना शुरू हो चुका है, लेकिन जबलपुर में मानसून की दस्तक अब तक नहीं हुई है। शनिवार की रात हल्की बारिश के बाद लोगों को उम्मीद थी कि राहत मिलेगी, लेकिन रविवार को तेज धूप और उमस ने लोगों को बेहाल कर दिया। दोपहर से लेकर शाम तक गर्म हवाओं और छिटपुट बूंदाबांदी के बीच शहर में प्री-मानसूनी गतिविधियों की हलचल तो दिखी, लेकिन बारिश का कोई ठोस असर नजर नहीं आया।
शाम करीब 5.30 बजे शुरू हुई तेज हवाओं के साथ ही शहर के कई इलाकों में बिजली गुल हो गई, जिससे लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। विजयराघवगढ़, अधारताल, गढ़ा, और रांझी जैसे इलाकों में दो घंटे तक बिजली नहीं थी। एक तरफ उमस भरी गर्मी, दूसरी तरफ पंखों और कूलरों की खामोशी—लोगों की रातें बेचैनी में गुज़रीं।
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के लिए यलो अलर्ट जारी किया है। संभावना जताई गई है कि गरज-चमक के साथ तेज हवाओं और हल्की बारिश का दौर चल सकता है। विभाग के अनुसार, दक्षिण-पूर्वी हवाएं अब सक्रिय हो चुकी हैं और अंडमान-निकोबार से होकर यह हवाएं छत्तीसगढ़ के रास्ते मध्यप्रदेश पहुंच रही हैं। अनुमान है कि 18 जून तक जबलपुर में मानसून दस्तक दे सकता है।
तापमान और नमी का हाल
रविवार को अधिकतम तापमान 39.5 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य के आसपास रहा। वहीं, न्यूनतम तापमान 24.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 2 डिग्री कम था। हवा में सुबह के समय 72% और शाम को 47% तक नमी रही। सूर्योदय सुबह 5.25 बजे और सूर्यास्त शाम 6.58 पर दर्ज किया गया।
प्रदेश में सबसे अधिक तापमान 42 डिग्री सेल्सियस खजुराहो में दर्ज किया गया। दक्षिण-पूर्वी हवाएं 5-6 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चल रही हैं।
अब तक की बारिश का आंकड़ा
शनिवार को हुई बारिश को मिलाकर अब तक कुल 6.2 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। हालांकि, यह आंकड़ा सामान्य मानसूनी बारिश से काफी कम है, जिससे खेतों और जलस्त्रोतों को अब तक कोई खास राहत नहीं मिली है।
मौसम विशेषज्ञों की राय
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि स्थानीय बादल और प्री-मानसूनी हवाओं की वजह से आगामी 24 घंटों में गरज-चमक के साथ बारिश हो सकती है। इससे तापमान में हल्की गिरावट की उम्मीद है, लेकिन उमस और गर्मी से अभी पूरी राहत नहीं मिलेगी।
मानसून के स्वागत को लेकर जबलपुर तैयार है, लेकिन अब तक सिर्फ इंतज़ार और उम्मीदें ही साथ हैं। बिजली की आंख-मिचौली और उमस ने लोगों को परेशान कर रखा है। मौसम विभाग की चेतावनी और बादलों की हलचल इस बात का संकेत जरूर दे रही है कि राहत अब ज़्यादा दूर नहीं।