Jabalpur

एमआईसी मिली तो भाजपा में जाने तैयार

जबलपुर। महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू के भाजपा में जाने के बाद से यह चर्चा आम है कि उनके साथ कौन कौन पार्षद जाएगा। एमआईसी की घोषणा में होती देरी की वजह भी यही बताई जा रही है कि कुछ कांग्रेस और निर्दलीय पार्षदों को एमआईसी का ऑफर देकर भाजपा में लाने के प्रयास किये जा रहे हैं।

भाजपा संगठन सूत्रों की मानें तो मुस्लिम बाहुल्य वार्डों के तीन पार्षद सीधे तौर पर भाजपा के संपर्क में हैं। यहां के एक कांग्रेसी और 2 निर्दलीय पार्षदों ने भाजपा संगठन तक खबर पहुंचाई है कि यदि उन्हें मेयर इन काउंसिल बनाया जाता है तो वह भाजपा में आ जाएंगे। वहीं कांग्रेस खेमे में इस तरह की हलचल सुनाई दे रही है कि अगले कुछ दिनों में कुछ और कांग्रेस से जुड़े पार्षद भाजपा में जाएंगे।

खबरों की मानें तो भारतीय जनता पार्टी उत्तर मध्य के मुस्लिम क्षेत्रों से एक और पूर्व विधानसभा के मुस्लिम क्षेत्रों से एक पार्षद अपने खेमे में लाकर कांग्रेस के खेमें में सेंध लगाना चाहती है। देखना दिलचस्प होगा कि उसे इसमें कितनी सफलता हाथ लगती है। बताया जा रहा है भाजपा किसी भी हाल में मुस्लिम एरिया में बने कांग्रेस के गढ़ को तोड़ना चाहती है, जिसके चलते वे यहां के पार्षदों का अपने खेमे में लाने का प्रयास कर रही है।

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1 ही एमआईसी संभव……

समस्या यह है यदि भाजपा मुस्लिम क्षेत्र से एमआईसी बनाती है तो वो अधिक एक पार्षद को एमआईसी में ले सकती है। लेकिन यहां के जो तीन पार्षद भाजपा में जाने के संकेत दे रहे हैं, वो एमआइसी से कम में आने को तैयार नहीं हैं। इसी के चलते पेंच फंसा हुआ है। हांलाकी संगठन की तरफ से नगर निगम दूसरी अहम समीतियों और संगठन में एडजस्ट करने का आश्वासन दिया जा रहा है। कौन जाए और कौन नहीं यह तो भविष्य बताएगा, लेकिन यहां के कुछ पार्षदों ने भाजपा में जाने के संकेत मात्र से ही भाजपा के लिये यहां की राहें खोल दी हैं।

दूसरी तरफ भाजपा में झगड़ा…….

करीब ३ हफ्ते गुजरने के बाद भी मेयर इन काउंसिल की घोषणा तो दूर खाका भी तैयार नहीं हो सका है। जिसके वजह भाजपा के अंदर मचा झगड़ा भी बताया जा रहा है। संगठन सूत्रों का कहना है कि भाजपा विधायक ऐसे किसी चेहरे को एमआईसी में नहीं देखना चाहते, जिनपर चुनाव में गड्डा खोदने का आरोप है। यह जानकारी यह भी सामने आई है कांगे्रस खेमे से एक दो वरिष्ठ पार्षदों को एमआईसी का लॉलीपॉप देकर भाजपा खेमे में शामिल कराने के प्रयास चल रहे हैं। जिसके चलते एमआईसी की घोषणा रुकी हुई है।

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