Middle East Update: हमास नेता इस्माइल हानिया की हत्या के बाद विश्व दो खेमों में बंटने लगा
हानिया की हत्या की ईरान ने शुरू करवाई व्यापक जांच इंटेलिजेंस अफसर समेत २४ गिरफ्तार, इजराइल ने गेस्ट हाउस के ३ कमरों में लगवाए थे बम

हमास चीफ इस्माइल हानिया की मौत के बाद मिडिल-ईस्ट में तनाव बढ़ गया है। हानिया की शहादत और ईरान की चेतावनी के बाद बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका ने मध्य पूर्व में अतिरिक्त लड़ाकू विमान और नौसेना के युद्धपोत तैनात करने का फैसला किया है। अमेरिका ने कहा है कि वह ईरान और उसके सहयोगी हमास और हिजबुल्लाह से खतरों को देखते हुए इजरायल की सुरक्षा को मजबूत कर रहा है।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक अहम बैठक में इजरायल की सुरक्षा के लिए तैनात मिसाइल और ड्रोन्स के बारे में पूरी जानकारी ली। अमेरिका ने यूएसएस अब्राहम लिंकन एयरक्राफ्ट कैरियर स्ट्राइक ग्रुप को मिडल ईस्ट में तैनात करने का आदेश दे दिया है। ओमान की खाड़ी में इसकी तैनाती की जाएगी। ईरान की तरफ से हमला होने पर यहां से सीधे कंट्रोल किया जा सकेगा। वाइट हाउस की तरफ से जारी बयान में बताया गया कि जो बाइडेन ने ईरान की चुनौती के खिलाफ इजरायल का पूरा साथ देने का वादा किया है।

इससे पहले अमेरिकी रक्षा सचिव ने कहा कि अगर इजराइल पर हमला होता है तो अमेरिका उसकी मदद करेगा। जब ऑस्टिन ये पूछा गया कि क्या हानिया की हत्या में इजराइल का हाथ है और क्या अमेरिका को जानकारी थी? इस पर उन्होंने कहा कि उनके पास कोई जानकारी नहीं है। वहीं ईरान और हमास दोनों ने इजरायल पर हत्या करने का आरोप लगाया है और जवाबी कार्रवाई करने का संकल्प लिया है। इजरायल ने न तो हानिया की हत्या की जिम्मेदारी ली है और न ही इनकार किया है।

ईरान में जांच जारी …….
वहीं दूसरी तरफ ईरान ने हमास नेता इस्माइल हानिया की हत्या की व्यापक जांच शुरू कर दी है। ईरान ने तेहरान स्थित एक आईआरजीसी कुद्स फोर्स द्वारा संचालित गेस्टहाउस में वरिष्ठ खुफिया अधिकारियों, सैन्य अधिकारियों और कर्मचारियों सहित दो दर्जन से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है, जहां हमास नेता की हत्या की गई थी।
रिपोर्ट के मुताबिक, शुरूआत में शहीद इस्माईल हानिया को मई में तब मारने का प्लान था जब वह पूर्व ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के अंतिम संस्कार के लिए तेहरान आया हुआ था। रिपोर्ट में दो ईरानी अधिकारियों के हवाले से बताया गया कि भारी भीड़ के उमड़ने की वजह से ऑपरेशन को रद्द कर दिया गया, क्योंकि इसमें सफलता मिलने की उम्मीद कम थी। अब तक जरंव में सामने आया है कि मोसाद के निर्देशन में काम कर रहे दो ईरानी एजेंटों ने उत्तरी तेहरान में इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) गेस्टहाउस के तीन अलग-अलग कमरों में विस्फोटक उपकरण रखे थे। यह स्थान रणनीतिक रूप से चुना गया था क्योंकि पूरी संभावना थी कि हानिया यहीं ठहरेंगे।

ईरानी एजेंट्स के सूत्र ने ही ३१ जुलाई को हानिया के अपने कमरे में होने की सूचना दी थी। इसके बाद एजेंट्स ने बम डेटोनेट कर दिया। आईआरजीसी के अधिकारी ने शुक्रवार को टेलीग्राफ से बात करते हुए कहा कि उनकी अनसार अल-महदी यूनिट के एजेंट्स को मोसाद ने इस काम के लिए हायर किया था। अधिकारी ने बताया कि छानबीन के बाद उन्हें बाकी २ कमरों में लगे बम मिल गए। आईआरजीसी के एक दूसरे अधिकारी ने कहा कि यह ईरान की तरफ से सुरक्षा में एक बड़ी चूक है।

ईरान कभी भी कर सकता है हमला……
ईरान की तरफ से इजरायल पर हमले की पूरी आशंका है। ऐसे में इजरायल का साथ देने के लिए अमेरिका पहले से कमर कस रहा है। अमेरिका के रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने बताया कि अतिरिक्त बलिस्टिम मिसाइल, क्रूजर और डिस्ट्रॉयर को यूरोपीय और मध्य एशियाई देशों में भेजा जाएगा। हाल ही में इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के दौरे के समय राष्ट्रपति जो बाइडेन ने उनकी मदद करने का वादा किया था। यह कदम इसी वादे को पूरा करने की ओर माना जा रहा है। हमास के राजनीतिक प्रमुख इस्माइल हानिया की हत्या के बाद स्थिति और गंभीर होने की आशंका है। ईरान ने अब इजरायल को खुली धमकी दे दी है। इसी बीच अमेरिका ने मध्य-पूर्व में अपनी सेना की मौजूदगी बढ़ाने का फैसला किया है। रिपोर्ट के मुताबिक शुक्रवार को पेंटागन ने कहा कि लडक़ू विमानों के एक बेड़े को मिडल ईस्ट में तैनात किया जाए जिससे कि इस इलाके में सप्लाई बनी रहे। वहीं खबर ये भी है कि रात में इरान ने रॉकेट भी बरसाए हैं।