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जबलपुर: नालबंद मोहल्ला चार खम्बा रोड, हिजाब वाली लड़की और अनजान लड़का.. क्या है पूरे मामले का सच?

आपत्ति सिर्फ इस बात पर थी कि इस्लामी लिबास हिजाब का जानबूझ कर अपनी खुराफात को छिपाने की गलत इस्तेमाल न किया जाए

हाल ही में जबलपुर के सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जो चार खंबा – नालबंद मोहल्ले के आसपास का बताया जा रहा है। इस वीडियो में कुछ लोग हिजाब पहनी एक लड़की से सवाल-जवाब करते नजर आ रहे हैं। वीडियो वायरल होने के बाद लोग अपनी-अपनी समझ और जानकारी के हिसाब से इस पर टिप्पणियां और आलोचनाएं कर रहे हैं। लोग इस वीडियो की आड़ में मुस्लिम समाज को बदनाम करने की भी साजिश कर रहे है.

जब हमने उस इलाके के लोगों से इस घटना के बारे में बात करने की कोशिश की, तो उनका पक्ष यह था…

क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि बीते दिनों दोपहर में हिजाब पहनी हुई एक कम उम्र लड़की, एक अनजान लड़के के साथ अचानक गाड़ी पर बैठ कर जाते हुए देखी गई। लड़के को इस इलाके में पहले कभी नहीं देखा गया था। महिलाओं और बेटियों के खिलाफ बढ़ते अपराधों को देखते हुए फिक्रमंदी में क्षेत्रीय लोगों ने यह जानने की कोशिश की कि वह मोहल्ले की दिख रही लड़की कौन है और किस अनजान लड़के के साथ जा रही है।

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इस तरह की फिक्र होना एक स्वाभाविक बात थी।

लोगों ने लड़की से सिर्फ इतना पूछा कि बहन आप कौन हैं और क्या आपके अम्मी अब्बू को पता है कि आप कहां हैं और किसके साथ हैं?” जब लड़की ने अपनी अम्मी से बात कराई और यह साफ हो गया कि उसके माता-पिता को उसकी जानकारी है, तो लोगों को तसल्ली हो गई. सब वहां से चले गये…

अगर यह घटना कहीं और हुई होती तो पहले लोग लड़के को बेरहमी से पीटते, फिर पुलिस पर दबाव बनवाकर झूठा केस बनवाया जाता. लेकिन मुस्लिम समाज में लड़के साथ मारपीट तो दूर उसके साथ बदतमजी तक नहीं की गई।

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लड़के से बदतमीजी तक नहीं की…

यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि मोहल्ले की हिजाब पहनी मुस्लिम लड़की एक दूसरे धर्म के अनजान लड़के के साथ जाती देखी गई, लेकिन वहां किसी ने भी लड़के के साथ मारपीट तो दूर बदतमीजी तक नहीं की। लोग सिर्फ मोहल्ले की दिख रही लड़की से यह पूछ रहे थे कि “आपके मां-बाप कौन हैं, आपके घर के किसी बड़े को पता है कि आप कहा हैं और किसके साथ हैं?” 

दूसरी जगह बेरहमी से मारते हैं..

गौरतलब है देश प्रदेश में अन्य इलाकों में जब इस तरह की घटनाएं होती हैं, जिसमें लड़का दूसरे धर्म का होता है, तो अक्सर बिना कुछ पूछे जाने, लड़के को बेरहमी से पीटने और फिर पुलिस पर दबाव बनाकर झूठे केस दर्ज करवाने की घटनाएं सामने आती हैं। लेकिन मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में ऐसा कुछ नहीं हुआ। लोगों ने पूरी इज्जत और सम्मान के साथ उस स्थिति को समझने की कोशिश की।

हिजाब या नकाब पहनने या न पहनने का हर किसी का अपना निजी अधिकार है, लेकिन इसे गलत तरीके से इस्तेमाल का किसी को अधिकार नहीं है। अगर कभी कोईकोई लड़की जानबूझ कर हिजाब को अपने गलत कामों को छिपाने के लिये आड़ के तौर पर इस्तेमाल करती है, यह एक धर्म की धार्मिक पहचान को बदनाम करने की सोची समझी हरकत के तौर पर देखा जाना चाहिये.

इस्लामी पहचान के गलत इस्तेमाल पर ऐतराज

क्षेत्रीय लोगों की आपत्ति सिर्फ इस बात पर थी कि इस्लामी लिबास हिजाब का जानबूझ कर अपनी खुराफात को छिपाने की गलत इस्तेमाल न किया जाए.  अगर कोई मुस्लिम नाम की लड़की हिजाब (जो खालिस इस्लामी पहचान है) को अपनी गलतकारी के लिये एक ढाल या दीवार बनाकर इस्तेमाल करती है, तो इससे लाखों हिजाब पहनने वाली मुस्लिम औरतों की इज्जत पर सवाल उठते हैं।

इसलिए, हिजाब या नकाब पहनने या न पहनने का हर किसी का अपना निजी अधिकार है, लेकिन इसे गलत तरीके से इस्तेमाल का किसी को अधिकार नहीं है। अगर कोई लड़की अपनी कालेज, जाब या आम जिंदगी में हिजाब नहीं पहनती. लेकिन अपने गलत कामों को छिपाने के लिये जानबूझ कर आड़ के तौर पर हिजाब को इस्तेमाल करती है, तो इसे एक धर्म की पहचान को बदमान करने की सोची समझी हरकत के तौर पर देखा जाना चाहिये. जो अनैतिक, असामाजिक और गैरकानूनी है।

Jabalpur Baz

बाज़ मीडिया जबलपुर डेस्क 'जबलपुर बाज़' आपको जबलपुर से जुडी हर ज़रूरी खबर पहुँचाने के लिए समर्पित है.
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