बिहार के लाल मो. इम्तियाज पाकिस्तान की गोलीबारी में शहीद, गाँव में छाया मातम | गर्व और शोक के बीच पूरा बिहार

छपरा। भारत-पाकिस्तान सीमा पर जम्मू के आरएस पुरा सेक्टर में पाकिस्तान की ओर से हुई गोलीबारी में बिहार के छपरा जिले के नारायणपुर गांव निवासी बीएसएफ सब-इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज शहीद हो गए। दुश्मन की गोलीबारी के बीच अपने साथी जवानों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए उन्होंने अपने प्राणों की आहुति दे दी। उनकी शहादत की खबर से नारायणपुर गांव में शोक की लहर दौड़ गई है।
10 मई 2025 को भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर समझौते के तीन घंटे बाद ही पाकिस्तान ने आरएस पुरा सेक्टर में अचानक फायरिंग शुरू कर दी। सीमा सुरक्षा बल की ओर से डटे हुए मो. इम्तियाज ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए अपने साथियों को बचाने के लिए आगे बढ़े और दुश्मन की गोली का शिकार हो गए। बीएसएफ ने अपने बहादुर सब-इंस्पेक्टर की वीरता और बलिदान को सलाम करते हुए कहा, हम शहीद मो. इम्तियाज के सर्वोच्च बलिदान को नमन करते हैं।
मो. इम्तियाज की शहादत की खबर उनके गांव नारायणपुर में पहुंचते ही शोक की लहर छा गई। ग्रामीणों ने उन्हें एक नेकदिल और मिलनसार व्यक्ति के रूप में याद किया। वह एक महीने पहले ही ईद के मौके पर गांव आए थे और सुबह की सैर के दौरान सभी से मिलते-जुलते थे। उनके बेटे मोहम्मद इमरान, जो पटना के पीएमसीएच में बायोमेडिकल इंजीनियर हैं, अपने पिता की शहादत की खबर सुनते ही जम्मू के लिए रवाना हो गए।
बीएसएफ की ओर से बताया गया है कि 11 मई को जम्मू के फ्रंटियर हेडक्वार्टर, पलौरा में पूरे सैन्य सम्मान के साथ मो. इम्तियाज को श्रद्धांजलि दी जाएगी। इसके बाद उनका पार्थिव शरीर परिजनों को सौंपा जाएगा और रविवार शाम तक उनके गांव नारायणपुर लाया जाएगा, जहां उन्हें अंतिम विदाई दी जाएगी।
मो. इम्तियाज के परिवार को उनकी शहादत की सूचना मिलते ही गहरा दुख हुआ। उनकी पत्नी, जो बीमार हैं, को अभी तक इस दुखद समाचार की जानकारी नहीं दी गई है। उनके बेटे इमरान और परिवार के अन्य सदस्य जम्मू रवाना हो चुके हैं। बीएसएफ के डीजी और सभी रैंकों ने उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है।
मो. इम्तियाज की शहादत से जहां पूरा बिहार शोक में डूबा है, वहीं उनके साहस और बलिदान पर गर्व भी कर रहा है। राज्य के लोग उन्हें एक वीर सपूत के रूप में याद कर रहे हैं, जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। यह देश उनके इस बलिदान को सदैव याद रखेगा।