
“..युवा पीढ़ी नशे से दूर हो, मजबूत और ताकतवर बने, अपनी जवानी और जिंदगी मुल्क और समाज की तामीर में लगाए. यहीं मेरा पैगाम है, इसी पैगाम को आम करने के लिये मैं मेरे बुजुर्ग हाजी असलम पहलवान और भाई मोहम्मद अलतमश की दावत पर फलक फर्नीचर आया हूं”.
यह बात अंतराष्ट्रीय बॉडीबिल्डर सैय्यद सिद्दीकी रद्दी चौकी स्थित फलक फर्नीचर शो रूम में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कही. यहां उन्होंने स्वस्थ्य जीवन जीने, कसरत करने और समाज सेवा में अपना योगदान देने का संदेश नौजवानों को दिया.
इस अवसर पर विशेष रूप से हाजी हामिद मंसूरी, पप्पू सरीन, कदीर पहलवान, मंसूर अंसारी, एडवोकेट शाकिर पठान, एडवोकेट आमिर, नूर हयात खान, शादाब अंसारी, अदनान हयात, अहफाज भाई, कपिल श्रीवास्तव, विवेक भोसले, टीटू जग्गी, मोनू, सिराज, एहसाम, जुबैर, एडवोकेट अर्सलान, मंजूर भाई, यासिर और हाफिज मौजूद थे।

सेहत पर ध्यान देने की अपील…
वरिष्ठ समाज सेवी असलम पहलवान ने यहां कहा, “बाडी बिल्डिंग या पहलवानी जिंदगी जीने की एक कला है. जिसमें एक इंसान अपने खान पान को बेहतर करता है, अपने रहन सहन को ठीक करता है. जिस्म को मजबूत करता है और जो ताकत पैदा होती है, उसका इस्तेमाल सही रास्ते में करता है. हर नौजवानों को दिन में कम से कम आधा घंटे कसरत जरूर करनी चाहिये. उन्होंने युवाओं से सेहत पर ध्यान देने की गुजारिश की.”

सैय्यद सिद्दीकी हम सबकी प्रेरणा..
अधिवक्ता अलतमस ने बताया अंतराष्ट्रीय बॉडीबिल्डर सैय्यद सिद्दीकी मुस्लिम नौजवानों ही नहीं, देश के हजारों युवाओं की प्रेरणा हैं. उन्होंने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सतह पर देश का नाम रौशन किया. फलक फर्नीचर में उन्होंने क्षेत्र के युवाओं को नशा छोड़ने और सेहत जिंदगी जीने का पैगाम दिया है.