बोर्ड परीक्षाओं में फिर दिखाया कमाल, हर कालेज में टॉप कर रहीं दर्सगाह की छात्राएं

अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी के तलबा से खिताब करते हुये सर सैय्यद अहमद खान ने कहा कि “हमारी असल तालीम उस वक्त होगी जब हमारे सीधे हाथ कुरआन ओ सुन्नत होगा और दूसरे हाथ में साइंस और टेक्नोलोजी होगी।”
सर सैय्यद के इन अलफाज को दर्सगाह इस्लामी स्कूल जबलपुर में अमली माडल की तरह पेश कर रहा है।

आज जब नंगेपन (फैशन) को तरक्की और पैसा परस्ती को कामयाबी समझा जाने लगा है। ऐसे दौर में दर्सगाह इस्लामी स्कूल, जबलपुर और विशेषकर मुस्लिम समाज में एक अलग पहचान बनाने में कामयाब हुआ है।
शहर का पहला ऐसा स्कूल जहां दीनयात एक सब्जेक्ट के रूप में शामिल है। शहर का पहला ऐसा गर्ल्स स्कूल जहां की 95 फीसद लड़कियां नकाब में होती हैं और शहर में टॉप करती हैं।
दर्सगाह से निकली छात्राएं आज मातागुजरी, होमसाइंस, सेंट अलायसियस से लेकर जबलपुर इंजीनियरिंग कालेज तक हर जगह टॉप कर रही हैं।

कामयाबी का सिलसिला कायम रखते हुए दरगाह ने 2024 में भी 10 और 12 वीं में शानदार कामयाबी हासिल की है। इस साल भी जब शहर में दसवीं का औसत रिजल्ट बिगड़ा है। जब 12 वीं के रिजल्ट भी खराब आए हैं। तब भी दर्सगाह इस्लामी स्कूल की छात्राओं ने बोर्ड परीक्षाओं में शानदार कामयाबी हासिल की है। जिसका चर्चा आज हर खास ओ आम की जुबान पर है।
90 प्लस वालों की कतार…
इस बार 10 वी का रिजल्ट जबलपुर शहर में बहुत खराब आया है। तब दर्सगाह इस्लामी स्कूल शहर में मुम्ताज हैसियत में है। हाईस्कूल 10 वीं क्लास की बात की जाए तो शहर का 47 प्रतिशत के आसपास हैं। लेकिन दसर्गाह का औसत रिजल्ट 65 प्रतिशत से ज्यादा है। यहां माहिया राना ने 91.2 प्रतिशत, हबीबा अंजुम ने 91 प्रतिशत और तैय्यबा अंसारी ने 90.6 प्रतिशत मार्कस हासिल किये हैं।

हायर सेकेण्डरी में कमाल…….
12 क्लास की परीक्षा में दर्सगाह इस्लामी स्कूल का औसत रिजल्ट 76.81 प्रतिशत से अधिक है। दर्सगाह स्कूल में 12 का रिजल्ट में शहर के औसत से काफी अच्छा है। यहां अर्शी जरीन ने मैथ्स साइंस में 85 फीसद अंक हासिल किये हैं। वहीं सानिया मोमिन ने 83.2 बायालाजी में शगुफ्ता अंजुम ने कामर्स में 79.6 मार्क्स हासिल किये हैं।
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