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मुहर्रम नहीं तो कांवड़ यात्रा, रामलीला भी नहीं होनी चाहिए: मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड

सीएम योगी के बयान पर पर्सनल लॉ बोर्ड के फारुकी ने दी सख्त प्रतिक्रिया
लखनऊ। यूपी सीएम योगी के मुहर्रम के संबंध में दिए गए बयान पर बवाल मच गया है। समान नागरिक संहिता पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) के सदस्य कमाल फारुकी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उनका कहना है अगर मुहर्रम नहीं होगा, तो कांवड़ यात्रा, रामलीला आदि भी नहीं होनी चाहिए। सड़क पर कोई भी धार्मिक कार्यक्रम नहीं होना चाहिए। रामलीला को भी बंद कर देना चाहिए। सबके लिए अलग-अलग नियम नहीं हो सकते हैं। इस देश में हिंदू, मुस्लिम, ईसाई सब समान हैं।

कमाल फारुकी ने कहा कि हमें यूसीसी किसी भी हाल में स्वीकार नहीं है और वे इस कानून को कोर्ट में चुनौती देंगे। उन्होंने कहा कि मुस्लिमों के पर्सनल कानून में किसी भी तरह का हस्तक्षेप स्वीकार नहीं है। उन्होंने कहा यूनिफॉर्म सिविल कोड संविधान का हिस्सा नहीं है, इसलिए ये हमें स्वीकार नहीं है। फारुकी ने कहा कि संविधान हमें अपने धर्म का अनुसरण करने की पूरी आजादी देता है। हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई आदि अपने धर्म का पालन कर सकते हैं।

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उन्होंने कहा कि हमें संविधान से पर्सनल लॉ मिला है, जो हमारे कुरआन ने बताए हैं, उसमें हम किसी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं चाहते हैं इसके खिलाफ बने कानून को हम चुनौती देंगे। उन्होंने तलाक के बाद मुस्लिम महिलाओं को गुजारा-भत्ते देने के कोर्ट के फैसले पर कहा कि इसके लिए हमारी वर्किंग कमेटी की बैठक हुई है इसमें चर्चा की गई है कि सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले पर किस तरह से प्रतिक्रिया दी जाएगी।

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