
जबलपुर। आयुध निर्माणी खमरिया (ओएफके) में मंगलवार की सुबह एक बार फिर बड़ा हादसा हो गया। एफ-9 सेक्शन में डेटोनेटर तैयार करते समय हुए विस्फोट से पूरा परिसर दहल उठा। इस हादसे में एक कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे पहले आर्मी अस्पताल और बाद में एक निजी अस्पताल में रेफर किया गया है।
घटना मंगलवार सुबह लगभग 9:30 बजे की बताई जा रही है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, प्रतिमेश ठाकुर नामक कर्मचारी मल्टीमोल्ड हैंड ग्रेनेड के डेटोनेटर को तैयार करने का कार्य कर रहा था। इसी दौरान अचानक डेटोनेटर में तेज धमाका हुआ, जिससे प्रतिमेश गंभीर रूप से घायल हो गया। बताया जा रहा है कि विस्फोट की तीव्रता इतनी अधिक थी कि उसके बाएं हाथ से काफी मात्रा में खून बह गया और एक अंगुली भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई।
धमाके की आवाज सुनकर पास में काम कर रहे अन्य कर्मचारी तुरंत मौके पर पहुंचे और घायल को तत्काल ओएफके अस्पताल ले जाया गया। वहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे एक निजी अस्पताल में रेफर कर दिया गया, जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है।
हादसे के बाद निर्माणी परिसर में अफरा-तफरी मच गई। कर्मचारियों ने प्रबंधन पर काम का अत्यधिक दबाव बनाने और सुरक्षा मानकों की अनदेखी का आरोप लगाया। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि सुरक्षा उपकरणों की कमी और पुरानी मशीनों के उपयोग के कारण ऐसे हादसे बार-बार हो रहे हैं।
गौरतलब है कि यह हादसा ऐसे समय हुआ है जब 31 अक्टूबर को ही ए-1 सेक्शन में प्रेस मशीन में काम करते हुए सुभाष आलम नामक कर्मचारी की अंगुली कट गई थी। उस मामले में बोर्ड ऑफ इन्क्वायरी बैठाई गई थी, जिसकी जांच अभी पूरी भी नहीं हुई थी कि एक और गंभीर घटना सामने आ गई।
कर्मचारी यूनियन के नेताओं ने मांग की है कि प्रबंधन तुरंत सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करे, जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए और घायल कर्मचारी को उचित मुआवज़ा दिया जाए।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, एफ-9 सेक्शन में ग्रेनेड और डेटोनेटर निर्माण का कार्य अत्यधिक संवेदनशील होता है, ऐसे में सुरक्षा प्रशिक्षण और नियमित निरीक्षण अनिवार्य हैं। बावजूद इसके, कर्मचारियों का कहना है कि सुरक्षा प्रोटोकॉल को अक्सर अनदेखा किया जाता है।
इस हादसे ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं — क्या ओएफके में सुरक्षा नियम सिर्फ कागज़ों तक सीमित हैं?
प्रबंधन ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा है कि हादसे की आंतरिक जांच कराई जा रही है और घायल कर्मचारी के इलाज का पूरा खर्च निर्माणी प्रशासन वहन करेगा।



