
हजारों इंसान सिर्फ दवा न मिल पाने या नकली दवा खाने की वजह से तड़पते हैं और मर जाते हैं. मैं फार्मेसी की दुनिया में जाना चाहती हूं. फार्मासिस्ट बनकर गरीबों तक दवा पहुंचाना चाहती हूं.
यह कहना है आलिमा शना मंसूरी का जिन्होंने 12 क्लास में 81 फीसद से ज्यादा नम्बरों से कामयाबी हासिल की है.
मक्का नगर गली नम्बर 6 में रहने वाले जनाब शेख शरीफ मंसूरी और मोहतरमा शबाना बी की बेटी शना मंसूरी हायर सेकेण्डरी के इम्तिहान में बायोलाजी से 81.6 नम्बरों के साथ कामयाबी हासिल की है.

सना कहती हैं वो बी फार्मा करेंगी फिर एमफार्मा करेंगी और फार्मासिस्ट बनेंगी. उनकी जिंदगी का मकसद सस्ती और सही दवाएं हर जरूरतमंद तक पहुंचाना है.
सना को बायोलाजी, हिन्दी में 93, अंग्रेजी में 88 फिजिक्स और केमेस्ट्री में 77 और 84 नम्बर हासिल हुये हैं.
मां बाप, खानदान और समाज को सना पर फख्र है. हर किसी को यकीन है की हमशीरा दीन ओर दुनिया हर मैदान में नुमाया कामयाबी हासिल करेंगी.