अकेले डाटा है ईरान: शनिवार सुबह ईरानी मिसाइलों ने होलोन और तेल अवीव में मचाया तांडव – ‘ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस-3’ का अटैक जारी !

ईरान और इसराईल के बीच जारी युद्ध ने शनिवार को नया और खतरनाक मोड़ ले लिया, जब इसराईली फ़ौज ने सुबह तड़के एलान किया कि ईरान की ओर से उसके इलाक़ों पर मिसाइलों की बौछार की गई है।
तेल अवीव से लेकर अशदूद और नेतन्या तक एयर रेड सायरन बज उठे। पूरे “सेंट्रल इसराईल” में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। खास तौर पर तेल अवीव के दक्षिणी हिस्से होलोन में एक मिसाइल सीधे एक इमारत से टकराई, जिससे ज़ोरदार धमाका हुआ और धुएं के बड़े-बड़े गुबार आसमान में दिखे।
होलोन बना निशाना – क्या था वहां?
होलोन सिर्फ एक रिहायशी इलाका नहीं है। ये इलाका इसराईल की सेना, टेक्नोलॉजी और डिफेंस इंडस्ट्री के लिए बेहद अहम माना जाता है:
- यहाँ पर Israel Aerospace Industries (IAI) की फैक्ट्रियाँ और गोडाम हैं
- कुछ सीक्रेट डिफेंस रिसर्च फैसिलिटी भी इसी क्षेत्र में हैं
- होलोन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, जो इसराईली आर्मी के साथ कुछ साझा टेक प्रोजेक्ट्स पर काम करता है, भी यहीं स्थित है
- फील्ड पुलिस हेडक्वार्टर और इंफ्रास्ट्रक्चर कंट्रोल सेंटर भी इसी इलाके में मौजूद हैं
इस हमले को लेकर इसराईल के सरकारी चैनल ‘कान’ ने पुष्टि की कि एम्बुलेंस सर्विस ‘मगन डेविड अदोम’ और सुरक्षा बल मौके पर पहुंचे और नागरिकों को बम शेल्टर्स में ही रहने का निर्देश दिया गया।
हालांकि, इसराईली सरकार ने अब तक नुकसान या हताहतों की आधिकारिक जानकारी नहीं दी है।
ईरान की कार्रवाई – ऑपरेशन ‘True Promise 3’ की 18वीं लहर
ईरान की सरकारी टीवी ने पुष्टि की कि ये हमला “ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 3” की 18वीं लहर है, जो इसराईली क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीनी इलाकों को निशाना बना रही है।
ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स (IRGC) की ओर से जारी बयान में बताया गया कि:
- उन्होंने Shahed-136 आत्मघाती ड्रोन और सटीक गाइडेड मिसाइलों का प्रयोग किया
- सभी निर्धारित टारगेट्स को पूरी तरह से तबाह कर दिया गया
- ये सभी टारगेट्स इसराईली सेना और उनके ऑपरेशनल सपोर्ट सेंटर्स थे
इसराईली साइबर राजधानी बनी बीर अल-साबे (Beer al-Sabe’) पर हमले की कोशिश?
ईरान मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि इसराईल की “साइबर राजधानी” बीर अल-साबे को भी ईरान निशाने पर लेने की कोशिश कर रहा है, जहाँ से डिजिटल नेटवर्क और जासूसी गतिविधियों को कंट्रोल किया जाता है।
मौजूदा हालात और मुस्लिम उम्मत की सोच
इसराईल के तमाम हमलों के बावजूद ईरान डटा हुआ है। दुनियाभर के मुस्लिमों में ये सवाल गूंज रहा है कि:
- क्या इसराईल सिर्फ ताक़त के दम पर सब कुछ कर सकता है?
- क्या दुनिया की खामोशी इस बात की गवाही नहीं दे रही कि मुस्लिम मुल्कों को खुलेआम निशाना बनाया जा रहा है?
ईरान का कहना है कि अगर इसराईल अपने हमले नहीं रोकता, तो बातचीत या कूटनीति का रास्ता बंद हो जाएगा। साथ ही तेहरान में लोग खुलकर अमेरिका और इसराईल के खिलाफ नारेबाज़ी कर रहे हैं।