कांग्रेस में मुस्लिम समाज को पहली बार मिलेगी बड़ी ज़िम्मेदारी !

जबलपुर- मुस्लिम वोटों के दम पर महापौर बने जगत बहादुर सिंह अन्नू के दल बदलने के बाद से ही मुस्लिम समाज में एक राजनीतिक बेदारी देखी गई है।
सर्वप्रथम जहां नेता प्रतिपक्ष किसी मुस्लिम पार्षद को बनाए जाने की मांग यहां की जनता द्वारा उठाई गई, वहीं नगर अध्यक्ष पद के लिये भी मजबूती से अवाज उठाई गई।
जिसके बाद अब बीते 70 साल से जबलपुर कांग्रेस में प्रतिनिधित्व से महरूम रखे गये, मुस्लिम समाज को इस बार नगर संगठन में सम्मानजनक हिस्सेदारी मिलने की उम्मीद है। संगठन सूत्रों की मानें तो जबलपुर मुस्लिम समाज के कांग्रेस नेताओं को प्रदेश और जबलपुर में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है।
ऐसा पहली बार हुआ, जब यहां की आम जनता, कांग्रेस पार्टी में उनके नेताओं को सम्मानजनक पद दिये जाने की मांग कर रही है। यहां दिलचस्प यह है कि जिन नेताओं के लिये मांग उठाई जा रही है, वो अब भी खामोश ही है।
इस बार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी तक यहां के मुस्लिम समाज की आवाज पहुंची है। बताया जा रहा है कि पटवारी जबलपुर के इस सबसे विश्वसनीय 15 फीसद वोटर को किसी भी हाल में खोना नहीं चाहते है। जिसके चलते नगर और प्रदेश कांग्रेस में इस बार जबलपुर के मुस्लिम क्षेत्र के नेताओं को सम्मानजनक स्थान मिलना तय माना जा रहा है है।
गौरतलब है बीते कई दशक से जबलपुर कांग्रेस में मुस्लिम समाज के नेताओं को अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ तक सीमित कर दिया जाता था। वहीं प्रदेश कांग्रेस में जबलपुर के किसी नेता को लॉलीपॉप स्तर का पद थमा दिया जाता था। लेकिन इस बार परिस्थितियां बदलती हुई दिख रही हैं।
नेता प्रतिपक्ष पर फंसा पेंच…

पहले जहां नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष के लिये अमरीश मिश्रा और आयोध्या तिवारी के ही नाम की चर्चा थी। वहीं अल्पसंख्यक समाज के द्वारा नेताप्रतिपक्ष बनाए जाने की मांग के बाद प्रदेश संगठन के लिये नेता प्रतिपक्ष का चयन आसान नहीं रहा है। अब कई नाम चर्चा में है।
जानकारी के मुताबिक अमरीश मिश्रा और आयोध्या तिवारी के साथ साथ अब पार्षद शगुफ्ता उस्मानी के नाम पर गंभीर विचार हो रहा है। बताया जा रहा है शगुफ्ता दो बार की पार्षद हैं, वहीं मेयर इन काउंसिल में अहम विभाग संभालने का भी अनुभव है। संगठन के एक धड़े का तर्क है शगुफ्ता को नेताप्रतिपक्ष बनाकर महिला और अल्पसंख्यक एक साथ दो समीकरण साधे जा सकते हैं।
कार्यकारी अध्यक्ष बनना तय…
नगर अध्यक्ष पद पर कम से कम एक बार मुस्लिम समाज को मौका दिये जाने की मांग के बाद, एक कार्यकारी अध्यक्ष बनाना लगभग तय हो गया है। संगठन सूत्रों के अनुसार संतुलन बिठाने के लिये दो कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाएंगे, जिसमें एक मुस्लिम समाज से होगा। गौरतब है जगत बहादुर अन्नू, नगर अध्यक्ष बनाए जाने के पहले कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गये थे।