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डॉ. मनमोहन सिंह हुए पंचतत्व में विलीन, नम आंखों से देश ने दी विदाई

तीनों सेनाओं ने दी सलामी, राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री समेत सोनिया, प्रियंका और राहुल भी रहे मौजूद

दिल्ली के निगम बोध घाट पर आज देश के पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस नेता डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया। इस अवसर पर राष्ट्र के नेताओं और उनके परिवार के सदस्य मौजूद रहे। अंतिम संस्कार से पहले उनकी पार्थिव देह को सेना की तोपगाड़ी से घाट तक लाया गया, जहां तीनों सेनाओं ने उन्हें सलामी दी। इसके बाद सभी धार्मिक और पारंपरिक रस्में अदा की गईं, और डॉ. मनमोहन सिंह को पंचतत्व में विलीन कर दिया गया।

डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार में देश की राजनीति से जुड़े कई प्रमुख चेहरे मौजूद थे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, और राहुल गांधी भी इस अंतिम विदाई के समय उपस्थित थे। इसके अलावा, उनके परिवार के सदस्य भी इस भावुक मौके पर साथ रहे, जिनमें उनकी पत्नी गुरशरण कौर, बड़ी बेटी उपिंदर सिंह, मंझली बेटी दमन सिंह और छोटी बेटी अमृत सिंह शामिल थीं।

कांग्रेस मुख्यालय में अंतिम दर्शन

डॉ. मनमोहन सिंह के पार्थिव शरीर को निगम बोध घाट ले जाने से पहले करीब एक घंटे तक कांग्रेस मुख्यालय में रखा गया, ताकि पार्टी कार्यकर्ता और आम लोग उनके अंतिम दर्शन कर सकें। सुबह करीब 9:30 बजे उनके पार्थिव शरीर को उनके घर से कांग्रेस मुख्यालय लाया गया था। यहां पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद अंतिम यात्रा की शुरुआत हुई, और कांग्रेस नेता राहुल गांधी पार्थिव देह के साथ गाड़ी में दिखाई दिए। इस दौरान राहुल गांधी बेहद भावुक नजर आए और हर कदम पर परिवार के साथ खड़े रहे।

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नीली पगड़ी में हुये व‎िदा…

डॉ. मनमोहन सिंह की पसंदीदा नीली पगड़ी को उनके सिर पर अंतिम संस्कार के समय पहनाया गया। यह पगड़ी उनकी पहचान का हिस्सा बन चुकी थी, और विशेष रूप से कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के साथ जुड़ी उनकी यादों का प्रतीक मानी जाती थी। उनका यह व्यक्तिगत आदान-प्रदान एक गहरी मानवीय और सांस्कृतिक कड़ी को दर्शाता था, जो उनकी जीवन यात्रा का हिस्सा बन गया था।

गत रात हुआ था न‎धिन

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की आयु में निधन हुआ। 27 दिसंबर की रात अचानक उनकी तबियत बिगड़ी, और उन्हें दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल में उन्हें बुलेटिन जारी कर बताया गया कि रात 9:51 बजे उन्होंने अपनी आखिरी सांस ली। उनके निधन से देशभर में शोक की लहर दौड़ गई थी, और हर वर्ग के लोग उनके योगदान और समर्पण को याद कर रहे थे।

राजकीय सम्मान और श्रद्धांजलि

मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे देश के लिए एक भावुक अवसर था। उनका जीवन एक उदाहरण बनकर सामने आया, जिसमें उन्होंने सार्वजनिक सेवा में अपने कर्तव्यों को सबसे ऊपर रखा। राजकीय सम्मान के साथ उनके अंतिम संस्कार ने उनके समर्पण, उनकी महानता, और उनके व्यक्तित्व को सम्मानित किया।

आज जब मनमोहन सिंह पंचतत्व में विलीन हो गए, उनके योगदान और कार्यों को याद करते हुए देश ने उन्हें नम आंखों से विदाई दी।

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