सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी

रमजान का अलविदा जुमा उत्तर प्रदेश के मदरसों के लिये राहत बनकर सामने आया है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले पर अंतरिम रोक लगा दी, जिसमें अदालत ने यूपी में मदरसा कानून को रद्द करने का आदेश दिया था। गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने 22 मार्च को मदरसा एक्ट 2004 को रद्द करने का फैसला सुनाया था. इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर अंतरिम रोक लगाई है. इसके साथ ही कोर्ट ने केंद्र और यूपी सरकार को नोटिस भी जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट ने यूपी और केंद्र सरकार को 30 जून 2024 तक जवाब दाखिल करने का वक्त दिया है. इसके बाद जुलाई के दूसरे हफ्ते में इस पर सुनवाई होगी.
मामले की सुनवाई करते हुये चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कानून के कुछ प्रावधानों को समझने में गलती की है.

22 मार्च को हाईकोर्ट ने लगाई थी रोक
हाईकोर्ट ने 22 मार्च को यूपी बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन एक्ट 2004 को असंवैधानिक और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत का उल्लंघन बताते हुए निरस्त कर दिया था. लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर ही रोक लगा दी है. इसका मतलब हुआ कि यूपी में मदरसा चलते रहेंगे. सुप्रीम कोर्ट के फैसले से मदरसों में पढ़ने वाले 17 लाख छात्रों को बड़ी राहत मिली है.
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क्या है मदरसा कानून?
उत्तर प्रदेश में 2004 में ये कानून बनाया गया था. इसके तहत मदरसा बोर्ड का गठन किया गया था. इसका मकसद मदरसा शिक्षा को सुव्यवस्थित करना था. इसमें अरबी, उर्दू, फारसी, इस्लामिक स्टडीज, तिब्ब (ट्रेडिशनल मेडिसिन), फिलोसॉफी जैसी शिक्षा को परिभाषित किया गया है. यूपी में 25 हजार मदरसे हैं, जिनमें से लगभग 16 हजार को यूपी बोर्ड ऑफ मदरसा से मान्यता मिली हुई है. साढ़े आठ हजार मदरसे ऐसे हैं, जिन्हें मदरसा बोर्ड ने मान्यता नहीं दी है. मदरसा बोर्ड श्कामिलश् नाम से अंडर ग्रेजुएशन और श्फाजिलश् नाम से पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री देता है. इसके तहत डिप्लोमा भी किया जाता है, जिसे श्कारीश् कहा जाता है. बोर्ड हर साल मुंशी और मौलवी (10वीं क्लास) और आलिम (12वीं क्लास) के एग्जाम भी करवाता है.
News Source: यूपी का मदरसा कानून क्या है? समझें- सुप्रीम कोर्ट के फैसले से 17 लाख छात्रों को कैसे मिलेगी राहत