
स्कूलों की मनमानी फीस वसूली पर लगाम लगाकर जिले के हजारों बच्चों और उनके परिजनों का जीवन आसान करने के बाद अब जिला कलेक्टर श्री दीपक सक्सेना ने एक और बड़ा कदम उठाया है। श्री सक्सेना ने बच्चों को नशे से बचाने के लिए जिले के दुकानदारों को आदेश जारी कर बोनफिक्स, व्हाइटनर, पंचर बनाने वाला साल्यूशन, कारेक्स कफ सिरप, थिनर जैसी वस्तुओं को नाबालिग बच्चों को बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया है। गौरतलब है कि लंबे समय से यह शिकायतें सामने आ रही थीं कि बच्चे अनजाने में इन उत्पादों का गलत इस्तेमाल कर अपने जीवन को खतरे में डाल रहे थे। जिसके बाद शुक्रवार को जिला कलेक्टर ने प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए।

जबलपुर में कलेक्टर दीपक सक्सेना ने बच्चों को नशे के दुष्प्रभाव से बचाने के लिए एक सख्त आदेश जारी किया है। इस आदेश के तहत अब दुकानदारों को बोनफिक्स, व्हाइटनर, पंचर बनाने वाला साल्यूशन, कारेक्स कफ सिरप, थिनर जैसी वस्तुओं की बिक्री नाबालिगों को करने पर कानूनी कार्यवाही का सामना करना पड़ेगा। कलेक्टर ने इन उत्पादों के नशे के रूप में उपयोग की बढ़ती घटनाओं को गंभीर चिंता का विषय बताया और इन पर तत्काल प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है।
आदेश में कलेक्टर ने कहा कि पिछले कुछ समय से यह देखा जा रहा है कि कम उम्र के बच्चे अज्ञानता के कारण इन उत्पादों का नशे के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। बोनफिक्स, व्हाइटनर, पंचर बनाने वाला साल्यूशन, कारेक्स कफ सिरप और थिनर जैसे उत्पाद न केवल बच्चों की सेहत को नुकसान पहुंचा रहे हैं, बल्कि उनके जीवन को भी खतरे में डाल रहे हैं। ऐसे उत्पादों का नशे के रूप में उपयोग करने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, और इस पर काबू पाने के लिए यह आदेश जारी किया गया है।
क्या कहता है आदेश?
इस आदेश के तहत जबलपुर जिले में कोई भी दुकानदार कारेक्स कफ सिरप को बिना पंजीकृत चिकित्सक के प्रिस्क्रिप्शन के बिना नहीं बेचेगा। इसी तरह, बोनफिक्स, व्हाइटनर और पंचर बनाने वाले साल्यूशन जैसे उत्पादों को बच्चों को बेचना अब पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा। यदि कोई दुकानदार इस आदेश का उल्लंघन करता है, तो उस पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह आदेश बच्चों की सुरक्षा और उनके स्वास्थ्य के प्रति कलेक्टर की संवेदनशीलता को दर्शाता है।
नशे के बढ़ते मामले:
जबलपुर में बच्चों द्वारा इन उत्पादों का नशे के रूप में इस्तेमाल एक बढ़ती हुई समस्या बन गई है। कई बार बच्चों को इन चीजों का सही इस्तेमाल नहीं पता होता, और वे इन्हें नशे के रूप में इस्तेमाल करने लगते हैं। व्हाइटनर और बोनफिक्स जैसे उत्पाद, जिनका मुख्य उद्देश्य अन्य कार्यों के लिए होता है, बच्चों में नशे की लत को बढ़ावा दे रहे हैं। इससे न केवल उनकी मानसिक और शारीरिक स्थिति बिगड़ रही है, बल्कि समाज में भी यह एक गंभीर समस्या बन चुकी है।
सख्त कार्रवाई की चेतावनी:
कलेक्टर ने चेतावनी दी है कि इस आदेश का उल्लंघन करने वाले दुकानदारों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। दुकानदारों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे इन उत्पादों को नाबालिगों को न बेचें। यदि कोई दुकानदार ऐसा करता है, तो उसे कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा, जिसमें गिरफ्तारी और जुर्माना भी शामिल हो सकता है।

समाज और प्रशासन की जिम्मेदारी:
यह आदेश न केवल दुकानदारों के लिए, बल्कि समाज के लिए भी एक महत्वपूर्ण संदेश है। बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है। कलेक्टर ने कहा कि यह कदम बच्चों को नशे के दुष्प्रभाव से बचाने के लिए उठाया गया है, और प्रशासन इस पर सख्ती से अमल करेगा।
कलेक्टर दीपक सक्सेना का यह आदेश जबलपुर में बच्चों को नशे से बचाने के लिए एक सकारात्मक पहल है। यह न केवल दुकानदारों के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए एक संदेश है कि हमें बच्चों की सुरक्षा और भलाई के लिए एकजुट होकर काम करना होगा। अब यह जिम्मेदारी सभी की है कि हम बच्चों को नशे के खतरों से बचाने के लिए इन उपायों को प्रभावी तरीके से लागू करें।

