गोरक्षकों ने छात्र के सीने में गोली मारकर की हत्या

फरीदाबाद,(ईएमएस)। दिल्ली-आगरा हाइवे के गदपुरी टोल तक करीब 10 किमी पीछा कर 12वीं के छात्र की हत्या में नया खुलासा हुआ है। पुलिस का कहना है कि छात्र की हत्या रंजिश में नहीं की गई। कार में सवार आर्यन की हत्या गोरक्षकों ने की। इन गोरक्षकों को सूचना मिली कि गो तस्कर फॉर्च्युनर और डस्टर कार में सवार हैं। इस पर इन्होंने आर्यन का पीछा किया। गाड़ी को हत्या के प्रयास में वांछित शैंकी का छोटा भाई चला रहा था जबकि शैंकी पीछे बैठा था। उसने अपने छोटे भाई को कार तेज चलाने को कहा। उसे लगा कि निजी कार में क्राइम ब्रांच की टीम पीछा कर रही है।
क्राइम ब्रांच टीम ने हत्याकांड को सुलझाते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनकी पहचान अनिल कौशिक, वरुण, कृष्ण और आदेश के रुप में हुई है। ये सभी गोरक्षक हैं। अनिल कौशिक अपनी संस्था चलाता है, जिसका नाम लिव फॉर नेशन है। चारों को रिमांड पर भेज दिया गया। क्राइम ब्रांच इनसे पूछताछ कर रही है। क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी ने बताया कि अनिल कौशिक ने बताया कि सूचना मिली थी कि फॉर्च्युनर और डस्टर गाड़ी में गो तस्कर आते हैं और रेकी करते हैं। इसके बाद कैंटर में पशुओं को भर ले जाते हैं। इसके चलते चारों कार में सवार होकर तस्करों को ढूंढने निकले थे। इसी दौरान इन्हें एक डस्टर कार नजर आई तो लगा कि ये गोतस्कर हैं। इन्होंने कार रुकवाने के लिए इशारा किया तो कार सवार युवकों ने स्पीड बढ़ा दी। इससे इन्हें लगा कि ये तस्कर ही हैं, इस पर वे उनकी कार पर गोली चलाने लगे। डस्टर कार सवार काफी तेज स्पीड से भाग रहा था, जिसके चलते ये भी गदपुरी टोल पार कर गए। शैंकी को लगा कि क्राइम ब्रांच की टीम आज उसका एनकाउंटर ही कर देगी। एक गोली आर्यन की गर्दन में लगी तो इन्होंने कार रोकी। वहां गोरक्षकों को लगा कि ये तस्कर हैं। वे डस्टर कार के पास पहुंचे और खिड़की खुलते ही आर्यन को सीने में एक और गोली मार दी। जब कार में महिलाओं को बैठे देखा तो आरोपी भाग गए। पुलिस एनएच पर लगे सीसीटीवी कैमरे भी खंगाल रही है।
आर्यन पक्ष की ओर से रंजिश को लेकर दूसरे पक्ष के कुछ युवकों पर वारदात का आरोप लगाया गया था। क्राइम ब्रांच की टीम इन युवकों तक पहुंची तो वे तो अपने घर पर आराम से बैठे थे। पुलिस ने पूछताछ की तो पता चला कि इन्होंने वारदात नहीं की है। पुलिस टीम ने हमलावरों के पीछा करने वाले रूट की सीसीटीवी फुटेज चेक की तो हमलावरों की स्विफ्ट कार का नंबर मिल गया। इसके जरिए पुलिस टीम अनिल कौशिक तक पहुंची और केस का खुलासा हुआ।