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बहरीन शिखर सम्मेलन में इसराइल के खिलाफ पहली बार एक जुट दिखे अरब देश

बहरीन सम्मेलन के प्रतिभागियों ने इज़राइल से राफ़ा सीमा खाली करने का आह्वान किया।
एक दर्जन से ज्यादा आजाद और मजबूत अरब देशों ने उनकी ही जमीन पर कब्जा करके बनाए गए एक छोटे से देश इजराइल से यह मांग की है कि वह कत्लेआम फौरन रोके .. कुछ जानकर इस अपील को अरब देशों की इजराइल के सामने बेबसी कह रहे हैं, कुछ की नजर में अरब देशों में इजराइल के खिलाफ बढ़ता आक्रोश है।

बहरीन में आयोजित 33 वें शिखर सम्मेलन में अरब देशों ने इज़राइल से राफ़ा सीमा खाली करने का आह्वान किया है।

बहरीन में आयोजित 33वें अरब शिखर सम्मेलन में इजराइल से मांग की गई कि वह गाजा पट्टी में जारी बर्बर आक्रमण को तुरंत रोके और गाजा पट्टी से अपने सैनिकों की पूर्ण वापसी के बाद फिलिस्तीनी क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय शांति सेना तैनात करे।

अरब शिखर सम्मेलन की शुरुआत में मेजबान देश बहरीन के राजा हमद बिन ईसा अल खलीफा ने मिडिल ईस्ट में शांति स्थापित करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आव्हान किया।

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सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने अपने भाषण में साफ कहा कि गाजा पट्टी में जारी इजरायली आक्रामकता किसी भी तरह से कबूल नहीं है.

सम्मेलन के अंत में जारी घोषणा में गाजा पट्टी में जारी इज़रायली आक्रामकता को रोकने और घेराबंदी ख़त्म करने की मांग की गई।

सम्मेनल में अरब देशों ने एक आवाज में कहा कि फ़िलिस्तीनी क्षेत्रों से इज़रायली सेना को पूरी तरह से वापस बुलाया जाए और एक अंतरराष्ट्रीय शांति सेना बनाई जाए तैनात किया जाना चाहिए.

घोषणापत्र में इजरायली बलों द्वारा राफा क्रॉसिंग के फिलिस्तीनी हिस्से पर कब्जे की निंदा की गई और फिलिस्तीनियों के जबरन निकाले जाने की हर कोशिश को खारिज कर दिया।

बहरीन सम्मेलन में भाग लेने वाले देशों ने इज़राइल से राफ़ा सीमा खाली करने का आव्हान किया, ताकि गाजा पट्टी के पीड़ितों को मानवीय सहायता प्रदान की जा सके।

शिखर सम्मेलन में सूडानी सेना और रैपिड फोर्सेज के बीच मतभेदों को खत्म करने और शांति स्थापित करने के मुद्दे पर भी बात हुई और मांग की गई कि वे जेद्दा में वार्ता का पालन करें। सीरियाई संघर्ष को हल करने की अहमियत पर भी जोर दिया गया।

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